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घूमतड़ा घर आवो आवो जी मोरे प्‍यारे गजानन्‍द ghumtada ghar aao aao ji more pyare gajanand.html



घूमतड़ा घर आवो, 

आवो जी मोरे प्‍यारे गजानन्‍द ।।टेर।।


मूसे असवारी रामा गणपत आवो,

संग में रिद्धि सिद्धि लावो।।१।।


नंदीये असवारी रामा शिवजी पधारो,

संग में पार्वती लावो।।२।।


ब्रह्मा भी आवो विष्‍णु भी आवो,

संग में लावो जी सरस्‍वती।।३।।


रामा भी आवो सावरांं लछमण आवो,

संग में सीता जी को लावो।।४।।


बाई मीरांं के प्रभुु गिरधर नागर,

चरणों में शीश नवाऊ नवाऊ।।५।।





माधव रे मन्‍दर में मीरां एकली खड़ी madhav re mandar me meera akali khadi bhajan lyrics

सांवरा आओ तो सरी,

मोहन आओ तो सरी ।

माधव रे मन्‍दर में,

मीरां एकली खड़ी ।।टेर।।

 

थे केवो तो सांवरा,

मैं जल जमना बण जाऊं ।

न्‍हावण लागे सांवरा,

थारे अंग अंग रम जाऊं ।।1।।

 

थे केवो तो सांवरा,

मैं मोर मुकुट बण जाऊं ।

पहरण लागे सांवरा,

थारे मस्‍तक पे रम जाऊं ।।2।।

 

थे केवो तो सांवरा,

मैं बांसुरिया बण जाऊं ।

बंशी बजावो सांवरा,

थारे होठां सूं लग जाऊं ।।3।।

 

थे केवो तो सांवरा,

मैं काजलियो बण जाऊं ।

काजल काढ़े सांवरा,

थारे नैना में रम जाऊं ।।4।।

 

थे केवो तो सांवरा,

थारे हिवड़े हार बण जाऊं ।

पहरण लागे सांवरा,

थारे हिवड़ा में रम जाऊं ।।5।।

 

थे केवो तो सांवरा,

मैं पग पायल बण जाऊं ।

रास रचावे सांवरा,

थारे चरणां में जाऊं ।।6।।

 

मीरां हर की लाड़ली,

वा है वचनां की सांची ।

चारभुजा का मन्‍दर में,

वा बांध घुघरा नाची ।।7।।

काली कामलिया मोहन की मारा तन पर ओढूली kali kamliya mohan ki mara tan pe oduli

 

काली कामलिया मोहन की,

मारा तन पर ओढूली।।टेर।।

 

एक समय मैं सूती महल में,

आ गई निंदड़ली।

आंगली पकड़ मारो कूंचो मरोड्यो,

खुल गई निंदड़ली।।1।।

 

एक समय मैं गई बागा में,

संग में साथड़ली।

साथडिया मारी बिछड़ गई रे,

रह गई एकलड़ी।।2।।

 

एक समय मैं गई जल भरबा,

माथे गागरली।

सामे मिलग्‍या कृष्‍ण मुरारी,

आ गई लाजड़ली।।3।।

 

एक समय मैं महीड़ो बलोयो,

काडी छाछड़ली।

माखण माखण कानो खाग्‍यो,

रह गई छाछड़ली।।4।।

 

वृन्‍दावन की कुंज गली में,

बाजी बांसुरली।

बाई मीरां के घरे पधारो,

रांधू खीचड़ली।।5।।

रामजी रंगीलो भेलो आयो ये मांय अमरापुरी में बाई को सासरो Ramji rangilo bhelo aayo ye amarapuri me bai ko sasaro ye

 

रामजी रंगीलो भेलो आयो ये,

मांय अमरापुरी में बाई को सासरो।।टेर।।

 

सदा तो शिवजी वो माने,

बहुत सुख दीनों है।

ज्ञान वालो भेद बतायो ये।।1।।

 

पार्वती माता माने,

गोद में खेलाया है।

नेम वाली चुंदडी ओढ़ाई ये।।2।।

 

ब्रह्मा न विष्‍णुजी मारे,

जान्‍या चढ़ आया है।

गणपत ने तो अगवाणी लाया ये।।3।।

 

धनाजी भगत मारे,

मायरा में आया है।

तूम्‍बा माये मोती भर लाया ये।।4।।

 

नारद मुनिजी मारे,

मायरा में आया है।

प्रेम से तो मायरो पहरायो ये।।5।।

 

ढोल नंगारा धणी के,

नोबत बाजे है।

गगन मण्‍डल घरणायो ये।।6।।

 

बाई मीरां के सांवरा,

गिरधर नागर है।

देश तो गुराजी वालो पायो ये।।7।।

कोई कहियो रे सांवरिया घर आवण की koi kahiyo re sanwariya ghar aavan ki

 

कोई कहियो रे सांवरिया घर आवण की,

आवण की रे मन भावण की।।टेर।।

 

आप न आवे लिख नहीं भेजे,

बाण पड़ी ललचावण की।।1।।

 

ये दोई नैण कियो नहीं माने,

नदिया बहे रे जैसे सावण की।।2।।

 

क्‍या करू कुछ बस नहीं चाले,

पंख नहीं रे उड़ जावण की।।3।।

 

मीरां के प्रभु कब रे मिलोगे,

चेरी भई हूं तेरे दावन की।।4।।

राणाजी मू तो नहीं रेऊला थारी अटकी लाज शरम मारी पेला मटगी rana mu to nahi reula thari ataki laaj sharm mari

 

आज मारा दादा भाई तो,लगन लिखाया है।

परणबा की बेला में तो पेली नटगी।।1।।

 

राणाजी मू तो नहीं रेऊला थारी अटकी।

लाज शरम मारी पेला मटगी।।टेर।।

 

नत रे उठी न मीरा मन्‍दर चाल्‍या है।

गोड रे चन्‍दन की मीरा लीदी टपकी।।2।।

 

नत रे उठी न मीरा पाणीड़े चाल्‍या है।

हाथ में बेवड़लो वा तो माथे मटकी।।3।।

 

नम रे उठी न मीरा सतसंग खल्‍या है।

ज्ञान न भजनां री मीरा बांधी गठड़ी।।4।।

 

हर का चरणां में बाई मीरा जो बोले है।

गरू का चरणां माये जाय लपटी।।5।।

नहीं कायरिया रो काम राणा सूरा पूरा री भगती खेलणो nahi kayariya ro kaam rana sura pura ri bhkti khelno

नहीं कायरिया रो काम राणा नहीं...।

सूरा पूरा री भगती खेलणो रे जी।।टेर।।

 

चढ़ी चितोड़गढ़ री जान मीरा चढ़ी...।

राणा परणबा ने घरे आविया रे जी।।1।।

 

घवला रचिया रे तन्‍दूकार राणा...।

हाथा डेरा तम्‍बू ताणिया रे जी।।2।।

 

भंगवा कपड़ा ने परा खोल मीरा भंगवा...।

पड़लो पहरो ने राणा राव रो रे जी।।3।।

 

पड़लो थारी दास्‍या ने पहराय राणा...।

भंगवा पहरिया हर रा नाम रा रे जी।।4।।

 

हाथा रा गजबन्‍द परा खोल मीरा...।

चूड़लो पहरो ने राणो राव रो रे जी।।5।।

 

चूड़लो थारी दास्‍या ने पहराय राणा...।

काकण बांध्‍या वो हर रा नाम रा रे जी।।6।।

 

गला री कण्‍ठी री माला खोल मीर...।

हार पेरो ने राणा राव रो रे जी।।7।।

 

हार थारी दास्‍या ने पहराय राणा...।

माला पेरी वो हरि रा नाम री रे जी।।8।।

 

पगा री पावडिया परी खोल मीरा...।

मोचडिया पेरो ने राणा राव री रे जी।।9।।

 

मोचडिया थारी छोर्या ने पहराय राणा...।

पावडिया पेरी वो हर रा नाम री रे जी।।10।।

 

महला री खड़क्‍या परी खोल मीरा...।

तोरण आयो ये बनड़ो एकलो री रे जी।।11।।

 

लादी लादी ये मरदंग ताल राणा...।

भजन करा वो हरि रा नाम रा रे जी।।12।।

 

ताम्‍बा री कुण्‍डीया में गेहरू घाळ राणा...।

भंगवा रंगादे हर का नाम का रे जी।।13।।

 

हर का चरणा में मीरा बोले।

गरूजी मलग्‍या रोहिदासजी रे।।14।।


बीज न थावरियो रूड़ो बार उंडी थलिया में जमला beej n thavariyo rudo bar undi thaliya me jamalo

बीज न थावरियो रूड़ो बार,

मीरा बीज न थावरियो रूड़ो बार।

उंडी थलिया में जमला जागीयो रे जी।।1।।

 

मैं तो जोऊ वो सांवरिया थारी बाट,मैं तो...।

मीरा रा आरोध्‍या बेगा बावड़ो रे जी।

मंगरे बोले दादर मोर, मीरा मंगरे...।

बागा में बोले वो बेरागण कोयल्‍या रे जी।।टेर।।

 

काकडीये आगी ये मीरा थारी जान।

राजा री थलिया में हमचो लागयो रे जी।।2।।

 

परगटिये आगी मीरा की जान।

पाणी री पणिहार्या हमचो लागियो रे जी।।3।।

 

गोरमे आगी ये मीरा थारी जान।

चोबारे तम्‍बू तो उठे लागियो रे जी।।4।।

 

तोरणिये आगी ये मीरा थारी जान।

हाथी रे होदे तो तोरण मोरियो रे जी।।5।।

 

चंवरिया में आगी ये मीरा थारी जान।

हाथा का हथलेवा उठे जोडि़या रे जी।।6।।

 

सुणज्‍यो मीराबाई का बोल,कोई सुणज्‍यो...।

गरूजी मलग्‍या वो रोहिदास जी रे।।7।।


मारी नैया ने पार लगावो रे सांवरा गिरधारी mari naiya ne paar lagao sanwara girdhari

 

मारी नैया ने पार लगावो रे,

सांवरा गिरधारी।।टेर।।

 

खम्‍म फाड़ प्रहलाद बचायो,

हिरणाकुश ने मारा रे।।1।।

 

द्रोपदी का चीर बढ़ाया।

राम नाम गुण गाया रे।।2।।

 

मीराबाई ने प्रभु तेरा गुण गाया।

जहर का अमृत बणाया रे।।3।।

 

नरसी भगत ने तेरा गुण गाया।

नानीबाई ने मायरो पहरायो रे।।4।।

 

करमाबाई ने तेरा गुण गाया।

रुच रुच भोग लगाया रे।।5।।

 

मीरां दासी जनम जनम की,

चरण कमल में राखो सांवरा।।6।।

आज तो आनन्‍द मारे कृष्‍ण आये पावणां aaj to anand mare krishna aaye pavna

 

आज तो आनन्‍द मारे,

कृष्‍ण आये पावणां।।टेर।।

 

फूला हंदी सेज बिछाऊ,

फूलों का बिछावणा।

फूली फूली राधा डोले,

गावती बधावणा।।1।।

 

गेंद के खिलैया जरा,

टोरा तो लगावणा।

कालीदेह में कूद पड़े,

नाग नाथ लावणा।।2।।

 

मथरा में कंस मार्यो,

पिता को छुडावणा।

पहुंचे बलि मखशाला,

रूप धरे बावना।।3।।

 

बंशी के बजैया जरा,

फेर से बजावणा।

मीरां को तुम्‍हारी आश,

हिये से लगावणा।।4।।

बलिहारी जाऊ मारा सतगरू की मारा भूल्‍या भरम सब धोय balihari jau mara satguru ne mara bhulya bharam sab dhoy


बलिहारी जाऊ मारा सतगरू की,

मारा भूल्‍या भरम सब धोय।।टेर।।

 

जब तक सतगरू न मिल्‍या जी,

रही भ्रम में सोय।

सतगरू का उपदेश से जी,

सच्‍ची लागी वो मेरे लोय।।1।।

 

करम काट कोयला करिया जी,

धरिया अगन पर जार।

लोभ लालच को जालता जी,

सतगरू मिल्‍या जी लुहार।।2।।

 

पांच पचीसो सारा जलाया,

माया दूर भगाय।

ज्ञान सबद की फूंक से जी,

सुरत हरि में लाय।।3।।

 

दीपक ज्‍योति मिल गई जी,

हुयो अन्‍धेरो नाश।

बार बार मीरां कहे जी,

सतगरू मिल्‍या जी रैदास।।4।।

काया ने सिणगार कोयलिया पर मण्‍डलिया मत जाज्‍यो ये kaya ne singar koyaliya par mandliya mat jajyo ye

काया ने सिणगार कोयलिया,

पर मण्‍डलिया मत जाज्‍यो ये।

पर मण्‍डलिया रा नहीं रे भरोसा,

अद बिच में रुल जावो ये।।टेर।।

 

खारे समंद को खारो पाणी,

वो पाणी मत लाज्‍यो ये।

थोड़ो नीर गणो कर मानो,

नीर गंगाजल लाज्‍यो ये।।1।।

 

गहरो गहरो फूल रोहिड़ा रो कहिये,

वो फूलड़ो मत लाज्‍यो ये।

छोटो फूल बड़ो कर मानो,

फूल हजारी गुल लाज्‍यो ये ।।2।।

 

उजड़ बनी में ऊबी खेजड़ी,

उण छाया मत जाज्‍यो ये,

अगम पछम का बाजे बायरा,

कांटा में रुल जासी ये।।3।।

 

बाई मीरां ने गिरधर मलिया,

उण मंडलिया भल जावो ये।

उण मंडलिया का गणा भरोसा,

डूबतड़ा तर जावो ये।।4।।


पपैया पीव की बाणी रे मत बोल भजन लिरिक्‍स papaiya piv ki bani re mat bol bhajan



पपैया पीव की बाणी रे मत बोल,
सुण लेवेली विहरणी रे,
लेवेली पंख मरोड़ पपैया ।।टेर।।

चांच कटादूं थारी पपैया,
ऊपर गालू लूण।
पिव मेरा मैं पिव की रे,
तू पिव कहे सो कोण ।।1।।

थारा शब्‍द सुहावणा रे,
जो पिव मिला आज।
चांच मंडादू सोवणी रे,
तू ही मेरा शिरताज ।।2।।

प्रीतम ने पाती लिखूं रे,
कागा तू ले जाय।
जाय प्रीतम ने यूं कहिजे,
थारी विहरणी धान नहीं खाय ।।3।।

''मीरां'' दासी व्‍याकुल है रे,
पिव‍ पिव कह अकुलाय ।
बेगा पधारो अन्‍तरयामी,
थां बिना रियो नहीं जाय ।।4।। 




गरूजी आया ये प्‍यारा पावणां मारी हेली भजन लिरिक्‍स guru ji aaya ye pyara paavna mari heli



गरूजी आया ये प्‍यारा पावणां मारी हेली,
मूंगी करूं ये मनवार।
हेली ये  मूंगी करूं ये मनवार ।।टेर।।

गाय दुवाडू छालरी मारी हेली,
दूध पकाऊला पाव।।1।।

भेंस दूवाडू भूरड़ी मारी हेली,
गुदली रंदाऊला खीर ।।2।।

गाठा गेहूंवा का पोवा फाफरा मारी हेली,
हरिया मूूंगा की दाल ।।3।।


 लूसी तो रांधू लापसी मारी हेली,
मायेे निलोडिया नारेल ।।4।।

चांवल रांधू ऊजला मारी हेली,
धपसा परूसूला खाण्‍ड ।।5।।

ऊंचा तो रालू बैठणा मारी हेली,
अधर परूसूला थाल ।।6।।

बाई मीरां की कीजे बीणती मारी हेली,
चरणां में शीश नवाय ।।7।।

तुम रिद्धि सिद्धि लेकर आवो, गजानन्‍द प्‍यारा भजन लिरिक्‍स aao gajanand pyara bhajan lyrics


संग चढ़े हनुमान देवता सारा,

तुम रिद्धि सिद्धि लेकर आवो, 

गजानन्‍द प्‍यारा ।।टेर।।


एक रणत भंवर आप बिराजो देवा।

एक रिद्धि सिद्धि लारा लाय करू थारी सेवा ।।1।।


एक हरी हरी पीली देवा आंगणो निपाऊ देवा ।

एक मातियां रा चौक पूराय करू थारी सेवा ।।2।।


एक न्‍हाय धोय कर स्‍नान कराऊ देवा।

इक आभूषण माला पहराय करू थारी सेवा ।।3।।


इक चव चव चन्‍दन और अरगजा देवा।

एक केशर तिलक चढ़ाय करू थारी सेवा ।।4।।


एक धूप दीप कर आरती संजोऊ देवा।

एक लडूवां का भोग लगाय करू थारी सेवा ।।5।।


एक लोंग सुपारी  पान केरा बिड़ला देवा।

एक श्रीफल भेंट चढ़ाय करू थारी सेवा ।।6।।


एक थारी माता पार्वती है देवा।

एक पिता शंकर देव करू थारी सेवा ।।7।।


एक ऊंचे पर्वत आप बिराजो देवा।

एक नीचे नगर बसाय करू थारी सेवा ।।8।।


एक बाई मीरां के प्रभु गिरधर नागर देवा।

एक चित चरणां में लाय करू थारी सेवा ।।9।।

थारी सांवली सूरत वाली वेष भजन लिरिक्‍स thari sanwali surat vali vesh bhajan lyrics



बंंशी वाला आओ न मारे देश,
ऐजी थारी सांवली सूरत वाली वेष ।।टेर।।

आवण जावण कह गिया,
कर गिया कोल अनेक।
गिणता गिणता घिस गई,
मारे आंगलियां री रेख ।।1।।

पगा रंगीली पावडियांं,
सिर पर लाम्‍बा केश।
घर घर अलख जगावती रे,
कर कर भंगवा भेष ।।2।।

राय आंगण बिच होद खुदाऊ रे,
हरियो लगा देऊ बाग।
फुलड़ा रे मस आवज्‍यो रे,
राखूली बिलमाय।।3।।

झरमर पानां आमली रे,
लम्‍बा पेड़ खजूर।
पंछी को छाया नहीं रे,
फल लागे अति दूर ।।4।।

बागां बाली कोयलियां रे,
बन में बाेल्‍या मोर।
मीरां ने प्रभु गिरधर मिलिया,
मिलिया नन्‍द किशोर ।।5।।


नज मंदरिया में आप पधारो गणपति naj mandriya me aap padharo ganpati



नज मंदरिया में आप पधारो गणपति, 
धूप तो खेऊला अगरबत्‍ती।।टेर।।


मूसा री असवारी मारे रामा गणपत आया है।
संग में लाया वो रिद्धि सिद्धि।।1।।


नन्दिया असवारी मारे रामा शिवजी पधार्या है।
संग में लावो न पार्वती।।2।।


रामा भी आया सांवरा लछमण आया है।
संग में लावो न सीता सती।।3।।

ब्रह्मा भी आया रामा विष्‍णु भी आया है।
संग में लावो न सरस्‍वती।।4।।


बाई मीरां ने सांवरा मोहन मलग्‍या है।
हरि चरणा में हो जाऊ सती।।5।।




गजानन्‍द जी ने सोहवे दो नारी gajanand ji ne sohave do naari har ki sobha bhari



गजानन्‍द जी ने सोहवे दो नारी।
दो नारी वो हर की शोभा भारी।।टेर।।

एक तो नारी वो पाणीड़ो लावे है।
स्‍नान करावे वा तो दूजी नारी ।।1।।

एक तो नारी वो हर के चन्‍दन घसे है।
तलक चढ़ावे वा तो दूजी नारी ।।2।।

एक तो नारी वो हर के भोजन बणावे है।
 थाल परूषे वा तो दूजी नारी ।।3।।

एक तो नारी वो हर के ढोलियो ढलावे है।
पांव दबावे वा तो दूजी नारी ।।4।।

बाई मीरां ने सांवरा गिरधर मलिया है।
गणपत की वो सेवा लागे प्‍यारी ।।5।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...