सतयुग दुवापुर त्रेता ने तार
कलयुग माये आया है
सयाये अजमल घर आया है ।टेर।
जब जब भार भया भोमी पर
सतगुरु जग माये आया है।
नौ अवतार पेली धारीया
दसवा निकलंग आया है |1|
घर बासकजी के अटल भक्ति
पुरण पाट पुराया है।
उड़ण सरीयादे ने नेम दिया हो
धरा पर धर्म कलाया है ।2।
शंकासुर ने रतन चुराया
समन्दा पार पराया है ।
मच्छा कच्छा अवतार धार
देवा का कारज सराया है ।3।
बारा बुद्धा नरसिंह धार
परसुराम कुवाया है ।
सस्त्राबाहु से बदलो लीयो
ना क्षत्रि कराया है ।4।
रामचन्द्र जी तो रावण ने मारीया
बावन वली घर आया है ।
कृष्ण कलासु कैरवा पर कोपीया
द्रोपदी का चीर बढाया है ।5।
धर अवतार रूणे में आया
रामा कंवर कुवाया है ।
शंकर नाथ बदावो गावे
मारा फन्द छुडाया है ।6।