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लख चौरासी में भटकत भटकत आण मिलीया गिरधारी lakh chorasi me bhatkat aan miliya girdhari

 

लख चौरासी में भटकत भटकत

 आण मिलीया गिरधारी

अबे मारी काया आय सुधारी ।टेर।


गुरु शास्त्र के शरणे आयो

लागी लगन हमारी

पंची करण पढ़ कर देख्यो 

आतरम अनुभव भारी ।1।


पांच कोस और सात भौम का 

खट शट शरीर है

ज्यारी चौवदा लोक तीन गुण प्रस्यां

सौला सुन अधी मारी ।2।


आला पींगला सुखमण

समज्या प्रगती न्यारी

अन्त करण खोल समजाया 

चित, मन, बुद्धि, अहंकारी ।3।


सतगुरु मिल्या सायरा मलीया

धोंका नहीं लगारी

लाडू नाथ अभेपद पाया

तोड़ी भ्रम अडारी ।4।

ये तो समदर भरिया भारी ज्यामे नाय सके नर कोई ye to samdar bhariya bhari jyame naay sake nar koi

 

ये तो समदर भरिया भारी

ज्यामे नाय सके नर कोई ।टेर।


समदर सात बताया

वस्तु मोल अमोलक पाया

ज्यों कोई नाया सुखसागर में

चोरासी कट जाई ।1।


उण सागर में हीरा मोती

गुरु बिन कुण प्रसावे

कृपा करी गुरु देवजी

माने पार लगावे वोई ।2।


इण समदर में है गुल क्यारी

जिन को देख मन भली विचारी

दुरमत गयी भाग 

सुमती की राय बताई ।3।


समदर नाया उमंग घर पाया

सतगुरु सेन बताई

लाडूनाथ चरण चितलाया

सुरत ऊगम गर पावे ।4।

मनख जन्म का दो दिन रहग्‍या आखीर चौरासी में जावे ओ manakh janm ka 2 din rahgya aakhir chorasi me jave

 

मनख जन्म का दो दिन रहग्‍या

आखीर चौरासी में   जावे ओ 

मन गुरु सरण में आये ।टेर।


लख चौरासी में भटकत भटकत

 सन्ता सरणें आवे

भली करी मारा सतगुरु दाता 

अमर पट्टो फरमावे ।1।


बगला के जोड़े हंसों बेठो

बगला में बगलो कुवावे

नाडुलियों में मछीया चुगता

 खूब माने मातो चुगावे।2।


 पारस के संग लोहा अड़ीया 

लोहा ने पारस बणाये

जम राय का रंग महल में 

ओ मन अबे नहीं जावे ।3।


शंकरनाथ मिल्या गुरु पुरा 

भुल्या ने रााह बतावे ।

लाडुनाथ समज कर परख्‍या

हेर हीरा घरे लावे ।4।

थाने जाणीयां किरतार लीला रचाई ज्यारी अपरमपार thane janiya kirtar leela rachai jyari aparampar

 थाने जाणियां किरतार 

थाने जाणीयां किरतार

लीला रचाई ज्यारी अपरमपार ।टेर।


आसमान में सूर्य रचायो 

तपता तेज अपार

गटत बढ़त था चन्द्र रचाया 

तारा लख हजार  ।1।


मक्का में महमद कुआया 

मथुरा मोहन सार

मक्का में था बकरी चराई 

मथुरा गऊ हजार ।2।


मक्का मदीना आप बिराजो 

बसीयों सागर पार

मथुरा मोहन राम अयोध्या 

रोशन किया अपार ।3।


दो ही दीन था अलग बणायों 

हिन्दु मुसलीम जार

अलग भेद माने वो 

नर डुबे काली धार ।4।


एको ब्रह्म दुनीया नाशत्ति 

जाणे जाणन हार

लाडूनाथ गुण गावे 

मारा बेड़ा करज्यो पार ।5।

तन मन लेऊला वार था पर पांच तत्व की पुतली tan man leu la var tha par panch tatv ki putli

 

तन मन लेऊला वार था पर

तन मन लेऊला वार 

पांच तत्व की पुतली या

अजब गड़ी किरतार ।टेर।


आंख नाक मुख  कान बणया

बाजा बाजे अपार 

जीणी जीणी मदुरी वाणी 

सुणे कोई ससीयार ।1।


 हाथ पांव मजबुत बणाया 

रजा बणाया चार 

अपणी अपनी जागे उपरे 

रहता है हुसीयार ।2।


आठ कवल था गजब बणाया

 द्वादश अजंपा सार

नौ नाडि और कोटा बोईतर

 दश बणाया दार ।3।


दसवे द्वारे दफतर बणया 

रोशन तकीया चार

तीन तकीयां पर राणीया विराजे

चोथा पर किरतार ।4।


कहां तक वरणु कहां तक धाऊ 

कब तक पाऊ पार

लाडु नाथ का सुन में रहणा 

आया मजा अपार ।5।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...