उठे राज तो कोनी रे पोपा बाई को,
लेखो लेवेला राई राई को।।टेर।।
भाइ बन्ध थारे कुटम्ब कबीलो।
उठे जोर कोनी चाले सगा भाई को।।1।।
पांच सात मल भेला वेग्या।
अबे बैठणो तो छूटेलो हथाई को।।2।।
धन रे दौलत थारा माल खजाना।
थे तो पुन्न नहीं कीदो एक पाई को।।3।।
तुलसीदास भजो भगवाना।
भजन करो रे थे तो सांई को।।4।।