म्हारी शरम राजरे शरणे,
कलम राखज्यो जनम सुधार।।टेर।।
शारद माय भाय आई म्हारे,
रिदसिद द्यो गणपति दातर।
राम कंवर सूं ताली म्हारे,
रिद्ध रोजीरा भरिया भण्डार।।1।।
राम के नाम बिना रे मूरख राम के नाम बिना रे, जल जइयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...