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हां रे आनन्‍द आया जी सतगरूजी थाका दर्शण पाया जी ha re anand aya satguruji thaka darshan paya ji

हां रे आनन्‍द आया जी,

सतगरूजी थाका दर्शण पाया जी।।टेर।।

 

सुखभर सूतो रेण अंधारी,

सतगरू आण जगाया जी।

मैं तो जातो नरका में,

मोही सरगा लाया जी।।1।।

 

माथे हाथ धर्यो सतगरूजी,

सत का शब्‍द सुणाया जी।

अमृत प्‍याला पाया भव से,

पार लगाया जी।।2।।

 

दया करी गरूदेव दयालु,

पल में पार लगाया जी।

भवसागर से पार कर,

सुख सागर लाया जी।।3।।

 

राम भगत गरूदेव दयालु,

सुमरण ज्ञान बताया जी।

रामदास चरणा का चाकर,

सब सुख पाया जी।।4।।

गोकल रा कांकड़ में कानो धेनु चरावे रे भजन लिरिक्‍स gokal ra kakad me kanho dhenu charave re

 


घनश्‍याम मुरारी रे

छोटो सो नन्‍दलाल

कन्‍हैयो मुरली वालो रे।।टेर।।


खांदे काली कामली रे,

घूघी घेर घुमेर,

केशरिया टोपा के माथे,

फूंदा चारों मेर।

वांकी शोभा मन में भावे रे,

गोकल रा कांकड़ में कानो धेनु चरावे रे।।1।।

 

डूंगर माथे बैठ के ऊ 

देवे छे आवाज,

काली पीली झूमर धोळी 

गायां आवे पास।

वांने घेर घरां में लावे रे,

गोकल रा कांकड़ में कानो धेनु चरावे रे।।2।।

 

नन्‍दबाबा को लाडलो रे 

गणी उधम की खान,

आती जाती गुजरियां से 

मांगे दही को डांड।

वो तो माखणियो घटकावे रे,

गोकल रा कांकड़ में कानो धेनु चरावे रे।।3।।

 

कदी घड़ी को खेल करे छे 

कदी घड़ी को रास,

कदी गोप ग्‍वाल्‍या ने संग ले 

रचे अनोखो राच।

वो तो राम रसियो गावे रे,

गोकल रा कांकड़ में कानो धेनु चरावे रे।।4।।

 

थू हे सतगरू सांवरा 

मारा भव बन्‍धन ने टार,

दास रामने भजन बणायो 

अलगोचा की ताण।

मारो चित चरणां में लागो रे,

गोकल रा कांकड़ में कानो धेनु चरावे रे।।5।।




मना रे भाई सतगरु देवजी ने ध्‍याले mana re bhai satguru dev ji ne dhyale



मना रे भाई सतगरु देवजी ने ध्‍याले,

जनम मरण का मेटे माेेेरचां,

प्रीत पुरबली पाले ।।टेर।।


सतगुुुरु दाता वेद बन आया,

करमा की नबज दखाले।

देखी नबज समझकर दाता,

करम नाश का चाले ।।1।।


कर्म काटबा की दवा बताऊ रे,

गुरुगम ओगद खाले।

ज्ञान दड़ी पर सबद मसालो।

चेतन होय चढ़ाले ।।2।।


जत मत माये गाठो रीजे,

देख जगत मत हाले।

काम क्रोध अहंकार मेट दे,

तीनों ही त्राप मिटाले ।।3।।


आप आरोगी ज्‍यांरे रोग नहीं व्‍यापे,

अजर अमर घर पाले ।

''रामदास'' प्रीतम की नगरी,

गरुमुखी ज्ञानी कुवाले ।।4।। 




जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...