संत गोकलदास जी के भजन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
संत गोकलदास जी के भजन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

साधू भाई सतगरू सामी झांको सतगरू सेण देवे sadhu bhai satguru sami janko satguru sen deve

साधू भाई सतगरू सामी झांको।

सतगरू सेण देवे समझाकर,

वां बातां ने राखो।।टेर।।

 

सतगरू सेण शब्‍द इक दीना,

समझ समझ कर परखो।

उरद सुरद बिच बास कहिजे,

जीने हेर कर राखो।।1।।

 

माणक कणी दीखे थारा तन में,

ध्‍यान धरे न ज्‍यांको।

गुरा ओलख नहीं पड़सी,

भूण्‍डो हाल होवे थाको।।2।।

 

निरगुण सुमरण बक्‍से सतगुरू,

सूक्ष्‍म सुमिरण राखो।

तिरकुटी और भंवर गुफा में,

ध्‍यान है अखे मण्‍डल को।।3।।

 

गोकलदास कहे सेण गुरू की,

चेलो रामानन्‍द को।

सेण गुरा की लेवे बड़भागी,

चरण कमल चित राखो।।4।।


साधू भाई साधन गुरां से पावे बिना गुरू सेण करे कोइ साधन sadhu bhai sadhan gura se pave bina guru sen kare

 

साधू भाई साधन गुरां से पावे,

बिना गुरू सेण, करे कोइ साधन,

भुगते कष्‍ट दु:ख पावे।।टेर।।

 

चाचरी मुद्रा पहले कीजे,

नेणा की मंजन करावे।

नेणा को ताण भृकुटी संगम,

भूचरी मुद्रा सज जावे।।1।।

 

नाशा आगे दृष्टि ठहरावो,

मुद्रा अगोचर थावे।

दसवे स्‍थान रसना की अणिया,

खेचरी में प्राण लगावे।।2।।

 

अखण्‍ड आसण शक्‍त आत्‍मा,

उनमुन ध्‍यान जामवे

पांचों मुद्रा साजे जो जोगी,

खेचरी में आनन्‍द आवे।।3।।

 

खेचरी मुद्रा साधा की माता,

प्रेम प्‍याला भर पावे।

गोकल दास साधन मुद्रा की,

रामहंस समझावे।।4।।

साधू भाई सेण गुरां से पाया आपो खोज्‍या मिटे आपदा sadhu bhai sen gura se paya aapo khojya mithe aapda

 

साधू भाई सेण गुरां से पाया,

आपो खोज्‍या मिटे आपदा,

आप में आप समाया।।टेर।।

 

पहले आसण साध्‍या से सिद्ध है,

पीछे बन्‍ध लगाया।

पांचों मुद्रा साधन कीजे,

अजपा जाप जपाया।।1।।

 

रेचक पूरक कुम्‍भक करिया,

पान अपान मिलाया।

अपान खेंच प्राण घर लावे,

उल्‍टी मेरू चढ़ाया।।2।।

 

बस कर पवन सुरत तिरकुटी,

निश्‍चय ध्‍यान जमाया।

पहले पहले जगमग जगमग,

पीछे ज्‍योती दरसाया।।3।।

 

खुल गये नाद दसों प्रकारा,

झीणी टेर सुणाया।

हो गया दरस आनन्‍द दास,

गोकल वांही बैठ गुण गाया।।4।।

धन गुरा रमज रेल चलाई नो सौ नबज हिलाई dhan gura ramaj rel chalai no so nabaj hilai

 

धन गुरा रमज रेल चलाई,

धन सतगुरू कारीगर बणीया,

नो सौ नबज हिलाई।।टेर।।

 

काम क्रोध का जले कोयला,

अकल इंजन के माही।

पांचों भूप मोरचे अडिया,

गाड़ी ने खूब चलाई।।1।।

 

रजोगुण बाबू फोरमेन कहिये,

सतोगुण गारड थाई।

तमोगुण बाबू टिकट कण्‍डेक्‍टर,

तीनों ही सेण मिलाई।।2।।

 

एक सौ आवठ पच्‍चीस मुसाफिर,

अपना फार्म के मांई।

जैसो किरायो भर्यो टिकट को,

वाही जाय ठहराई।।3।।

 

समझ सिंगल दिया बिना गाड़ी,

आगे जाने नहीं पाई।

श्रवण हार दशो दिसी भळके,

तारू तार सुनाई।।4।।

 

रामहंस गरू पास लिखावे,

अपने फारम माही।

गोकलदास शरण सतगरू की,

कुछ भी धोखा नाही।।5।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...