आठ चराचर न्यारा न्यारा,
भूख बराबर भाया है।
भूखो अंजन भाटो चाबे,
पोला पेट बणाया है।।टेर।।
अन्त:करण अंजन में आया,
मदवे पाणी पाया है।
अहंकारी नर अलगा रहग्या,
चेतन साप चढ़ाया है।।1।।
साबत कालो ऊपरे सांवलो,
ऊपर छाबण छाया है।
तार पलीता बीजल सारा,
चेला ने चेताया है।।2।।
हाथ हाले ज्यूं हाले कबाण्या,
पेड़ा पांव बणाया है।
इण टेशन पर दे फटकारो,
उण टेशन पर आया है।।3।।
पदमगरू परवाणी मलग्या,
लाडुजी सेण बताया है।
गुजर गरीबो ‘कनीरामजी’ बोले,
गुण गाड़ी के गाया है।।4।।