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नांया की नरमल जात भजन बिन कैसे तरे रघुनाथ naaya ki narmal jaat bhajan bina kese tare raghunath

 

नांया की नरमल जात ,

भजन बिन कैसे तरे रघुनाथ।।टेर।।

 

पत्ता तोड़े बाजा खीले,

जीमे जीमावे जात।

कांसा की बेल्‍या में वांके,

कई न लागो हाथ।।1।।

 

भट्टी खोदे भट्टी जूंके,

तपे है सारी रात।

खुरचण की बेल्‍या में वांके,

कई न लागो हाथ।।2।।

 

जनमे तो नाई  मरे तो नाई,

खाण्‍डी हाण्‍डी साथ।

मरीया लगा का करे कातर्या,

कई न लागो हाथ।।3।।

 

खान्‍दे खरपो हाथ में जारो,

चाल्‍यो सारी रात।

गांव भरत में मांगू नाई बोले,

कई न लागो हाथ।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...