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हेली होजा भजना वाली लार दिखाय लाऊ राम नगरी heli hoja bhajana vali lar dikhay lau Ram nagari

हेली होजा भजना वाली लार,

दिखाय लाऊ राम नगरी ।।टेर।।

 

हेली मत कर मान गुमान,

काया थारी ऐब से भरी ।

हेली सतगुरू शरणे चाल,

कड़ाऊ थारी ऐब ये परी ।।1।।

 

हेली ऊपराड़े बेरियां को वास,

मारेला थाने हेल की घड़ी ।

हेली लारे लारे घूमरियो काल,

जगत से जावेली परी ।।2।।

 

हेली भवसागर के मांय,

नांव अध बिच में खड़ी ।

हेली किण विध उतरेली,

फांसी मुआ जाल की पड़ी ।।3।।

 

हेली सोवनी शिखर गढ़ मांय,

गुरासां री सेज ढली ।

हेली चारो पाया दिवला जोय,

गुरूजी आगे निरत करी ।।4।।

 

हेली गुरू मिल्‍या गुलाबीनाथ,

दीनी म्‍हाने ज्ञान की झड़ी ।

हेली गावे भवानी नाथ,

भजन किया काया सुधरी ।।5।।

सुरता वो मारा राम से लागी ओ दीनानाथ से लागी surta vo mara Ram se laagi deenanath se laagi

 

झीणो सालू ओढ़ सुहागण,

बीत्‍यो जावे ब्‍याव।

धन जोबन माया पावणी,

जातोड़ा न लागे बार।।1।।

 

परथमी माया जेल में पड़ी मारी हेली,

समझो सुहागण नार।

सुरता वो मारा राम से लागी,

दीनानाथ से लागी।।टेर।।

 

ऊगा जो तो आथसी रे,

फूल्‍या जोई कुमलाय।

चुणिया देवल ढस पड़े रे,

जनमिया जोई मर जाय।।2।।

 

उने परवत उने परवत बचे,

भर्या दरियाव।

ऊंचा चढ़ हर जोविया रे,

कुण कुण उतर्या रे पेली पार।।3।।

 

ऊंची मेड़ी राम की जी,

मांसू चढियो न जाय।

कीजो मारा श्‍याम ने,

मारी बांह पकड़ ले जाय।।4।।

 

नाथ गुलाब मल्‍या गरू पूरा,

मैं चरणा का दास।

उगम नगारो बाजियो रे,

गावे भवानी नाथ।।5।।

सांवरिया से मिलबा चालो ऐ सजो सिणगार sanwariya se milba chalo ye sajo singaar

सांवरिया से मिलबा चालो ऐ,

सजो सिणगार।।टेर।।

 

पतिव्रता नार पिया बिन तरसे,

दरसण री बलिहार।

बन शक्ति नगर ने तार्यो,

तार्यो लारम लार।।1।।

 

माला फेरे सूरमो सारे,

जीबा में धुरकार।

विषया संग में फिरे दिवानो,

जमराणो लारम लार।।2।।

 

नारद मुनी ध्‍यान लगावे,

आठ पोहर इकसार।

स्‍वर्ग जाता पाछा फेर्या,

नहीं मिल्‍या करतार।।3।।

 

राणो मीरां पर कोपियो,

काढ़ी घर के बाहर।

मीरां बेरागण राम की,

राणोजी गयो है हार।।4।।

 

नाथ गुलाब मिल्‍या गुरू पूरा,

दियो शब्‍द तत्सार।

भवानीनाथ सतगरूजी के शरणे,

अमर चूड़ो आधार।।5।।

पियाजीऊ मिलबा चालो हेली शुभ सिणगारो piyaji milba chalo heli subh singaro

जल और जतन तन पर डालो,

कचरा ने परो निवारो।

मान मायला ने धोय परे,

साफ करो तन सारो।।1।।


पियाजीऊ मिलबा चालो हेली,

शुभ सिणगारो हेली सारो ही सिणगारो।।टेर।।


ज्ञान घाघरो पहर सुहागन,

नेम नाड़ा ने सारो।

गुरगम गांठ जुगत कर दीजे,

लोक हंसेलो सारो।।2।।


चेतन चूंदड़ी ओढ़ सुहागन,

प्रेम पटली पाड़ो।

लहर गोठे कोर दुवाले,

जद्या रीजे पिव थारो।।3।।


ओर पिया मारे दाय न आवे,

अखण्‍ड अमर वर मारो।

इण पिया से लग रही ताली,

पलक न रेऊ न्‍यारी।।4।।


नाथ गुलाब माने पूरा मलिया,

दियो सिवरण को सारो।

भवानीनाथ सतगुरां शरणे,

सहजा ही लगायो किनारो।।5।।

आपणा गुरां री लाला याही रे पछाण भजन लिरिक्‍स apna gura ri lala yahi re pachan bhajan lyrics


 

आपणा गुरां री लाला याही रे पछाण,

ओलखाण बना डाल एक डमरा छाया है जी।।टेर।।

 

अणी काया में मंड्या बजार।

सोदागर सोदा ने आया जी।।1।।

 

अणी काया में रतन तळाव,

गोरम घाट कोई सूरा न्‍हाया जी।।2।।

 

आंधा रे मन हियो अणजाण,

खड़ड़ खड़ड़ नर खडिया जावे जी।।3।।

 

कायर रे मन भाग्‍यो जाय,

रणभूमि में नहीं रे सुवावे जी।।4।।

 

सूरा रे मन खड़ग सम्‍भाल,

बिना शीश नर भाला भाया जी।।5।।

 

लखे लखोजी लख परवाण,

भवानी नाथ बचनां का सांचा जी।।6।।




हेली मारी परलोका मत जाय भजन लिरिक्‍स heli mari parloka mat jaay bhajan



हेली मारी नहीं रे धरण असमान,
उठे तो मारी सुरता लागी ऐ हेली।
चन्‍दा नहीं रे उठे भाण,
भाण बना बहुत उजियालो हेली।।
परलोका मत जाय हेली,
नहीं तो उठे लाल कालो पीलो हेली।
परलोका मत जाय हेली।।1।।

ओलक लेणा यो ही उणियारो हेली,
शीतल बरण मारो श्‍याम ।
नहीं तो उठे लाल कालो पीलो हेली।
परलोका मत जाय हेली।।टेर।।

हेली मारी उरद सुरद के बीच,
उठे तो एक जगड़ो मच्‍यो ये हेली।
सूरा लड़े ये रण मांय,
कायर को उठे कोनी पतियारो हेली ।
परलोका मत जाय हेली।।2।।

हेली मारी गूंगो गावे ये उठे राग,
बहरो तो उठे सुणबा वालो हेली।
पांगलो नाच करे,
आन्‍दो तो उठे नरखण वालो हेली।
परलोका मत जाय हेली।।3।।

हेली मारी संध कीजे तीन सौ न तीस,
जिण पर ताे एक तखत हजारो हेली।
जिण पर सुन्‍न अकीस,
जिण पर तो मारो सिरजन हारो हैली।
परलोका मत जाय हेली।।4।।

हेली मारी भंवर गफा के मांय,
उठे तो एक तपसिड़ो तापे हेली।
नहीं तो उठे तापनवालो हेली,
धूणा नहीं रे भभूत।।5।।

हेली मारी मलग्‍या रे नाथ गुलाब,
गरूजी मलिया बहुत मतवाला हेली।
मंदरिया में बहुत उजियालाेे हेली,
गावे भवानी नाथ ।।6।।




जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...