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सांवरा क्‍यू करियो खाती मोरा पाछे राछ बांध sanwara kyu kariyo khati mora pache raach bandh bhajan lyrics


सांवरा क्‍यू करियो खाती,
मोरा पाछे राछ बांध न,
फरतो दिन राती ।।टेर।।

काळ पड्यो जद गयो माळवे,
भाई बंधू साथी ।
गांव गांव री गाडी पूठी,
ऊंच नींच जाती ।।1।।

घणो काम मारे पड़े बोवल से,
थर्रावे छाती ।
मोटा मोटा लकड़ देख ने,
रोटी नहीं भाती ।।2।।

रात दिन मैं खींचू करोती,
दूखे भुज छाती ।
ठण्‍डी रात रा कुळे हाड़क्या,
नीन्‍द नहीं आती ।।3।।

हाथ जोड़ ने अरज करे,
कहे बगसो खाती ।
म्‍हां पे महर करो दाता,
जाती दु:ख पाती ।।4।।

म्हारी श्याणी सूरता, राम रस प्यालो झेलरी mhari shyani surta Ram ras pyalo jhel ri bhajan lyrics

प्याला पीले नाम का,
अंखियां करले लाल ।
करो भजन भगवान का,
तो झक मारेगा काल ।।दोहा।।


म्हारी श्याणी सूरता,
राम रस प्यालो झेलरी ।
राम नाम थू बोल री,
अंतर का पर्दा खोल री ॥टेर॥

करले नाभि कंंवल से हेत रे,
म्हारा सतगरू मांडी हाटड़ी रे ।
भाव भक्ति का सौदा करले,
थारे सब रंग लग जावे हाथ रे ॥1॥

चढ़जा गगन मण्डल की गैलरी,
म्हारा सतगरू का रंग महल मेरे ।
रतनगढ़ में रतन निपजे,
थारे हीरो लग जावे हाथ री ॥2॥

चढजा त्रिकुटी महल की गैलरी,
वहां सतगरू आपो आपरेे ।
झिलमिल झिलमिल जोत दरसे,
जब करी अगम की सैलरी ॥3॥

करले राम नाम से हेतरी,
यो बक्सुराम को आदेश री ।
सतरह खंड के पार खंड है,
उन जोगिया को देश री ॥4॥



गाज रियो घमगोर टहूंका मोर का चाले संत की चाल gaaj riyo gamgor tahuka mor ka chale sant ki chal

 

गाज रियो घमगोर टहूंका मोर का।

चाले संत की चाल,

लखण तो चोर का है जी ।।टेर।।

 

पांच भाया की जोड़ हथाया बैठणा।

बेरी माने काण हथाया हाजणा जी।।1।।

 

गायां भेस्‍यां को ठाट दूध का पीवणा।

धोली मक्‍की की गाट दही में ओलणा जी।।2।।

 

सल्‍ला हेटू हाथ कला कर काडणा।

पर नारी से हेत टले तो टालणा जी।।3।।

 

पाणी पेली पाळ बंधे तो बांधणा।

बगसोजी खाती कहे धण्यां ने धावणा जी।।4।।

भगता की भार सुणो धनी रामा bhagta ki bhar suno Rama mata menade ki aan



पहली थरपना प्रहलादजी कीदी,

कोप कियो हरणाकुश राय।

खम्‍भ फाड़ धणी दरसण दीदा,

नरसिंह रूप धर्यो अवतार।।1।।

 

भगता की भार सुणो धनी रामा,

न सुनो माता मैना दे की आण।

न सुणो अजमाल जी की आण,

आलस मोड उठो धनी रामा।।टेर।।

 

राजा हरिचंद राणी तारादे,

कंचन महल किया कुरबान।

नीच मोयला में नीर भरिया,

ने छोड़ी सतड़ा की बाण।।2।।

 

पांचू पांडू माता कुन्‍ता,

सतवंती दरोपद नार।

आम्‍बा बेल्‍या आरोधे आया,

भून्‍योड़ो आम लग्‍यो छिन मांय।।3।।

 

राजा बलि ने गणो डरायो,

बावन रूप धर्यो अवतार।

नाथ द्वारे चरण चापिया,

बीज थरपना बलि के द्वार।।4।।

 

आगे आता ढील नहीं करता,

ज्‍यो आती बछड़ा पर गाय।

भगता की भार हेर कर लेता,

जा मिलता दरगा के मांय।।5।।

 

ईसरदास मल्‍या गुरु पूरा,

वे दीदी माने सिमरण हाथ।

बगसोजी भणे आपको नेमी,

जुगां जुगां से लागा लार।।6।।

बापजी वो राज नहीं सुणो माता मेणादे की आण baapji vo raj nahi suno to mata mena de ki aan


 

बापजी वो राज,

नहीं सुणो माता मेणादे की आण।

नहीं सुणो पिता,

अजमालजी की आण।

साधा की सायल,

सुणो धणी रामा है जी।।टेर।।

 

बापजी वो राज 

पेली आता ढील नहीं करता।

ज्‍यूं आती बछल्‍या पर गाय,

नहीं सुणो माता।।1।।

 

बापजी वो राज 

हरचंद हेत धण्‍या से राख्‍या।

बिकग्‍या हाथो हाथ,

नहीं सुणो माता।।2।।

 

बापजी वो राज 

पंडवा जो प्रीत रामजीऊ राखी,

केरू पांडवा के भारत रचिया।

आम्‍बा की बैला आरोध्‍या आय,

नहीं सुणो माता।।3।।

 

बापजी वो राज,

राजा बल के आप पधार्या,

बावन रूप कियो अवतार।

तीन पावडा धरण मापी,

पाल्‍या पण्‍ड पराई काया, नहीं सुणो माता।।4।।

 

बापजी वो राज,

भगत प्रहलाद ने बहुत डराया,

नरसिंग रूप कियो अवतार,

खम्‍भ फाड़ धणी दरसण दीना, नहीं सुणो माता।।5।।

 

बापजी वो राज 

हरि चरणे खाती बगसो जी बोले,

जुगां जुगाऊ लागा थाकी लार।।5।।

नर थारी मुरजी व्‍हे तो मानजा रे सतगरू समजावे रे nar thari murji ve to manja re satguru samjave re


 

नर थारी मुरजी व्‍हे तो मानजा रे,

सतगरू समजावे रे।।टेर।।

 

नर पर घर को कई बैठणो रे,

थारो मान घटावे रे।

मान घटावे आपणो रे,

बुद्धि हीण कुवावे रे।।1।।

 

नर डोडी बांधे पागड़ी रे,

नर छाया नरखे रे।

नर चार दना को पावणो रे,

नर जातोई रहलो रे।।2।।

 

नर ऊसर खेती नहीं बावणो रे,

नर बीज गमावे रे।

बीज गमावे गांठ को रे,

नर हाथ न आवे रे।।3।।

 

गांव खण्‍डेला पालड़ी रे,

खाती बगसोजीगावे रे।

छोडा पाड़े ज्ञान का रे,

बाणी अणभे भाके रे।।4।।





ऐवा ऐवा बरद सम्‍मालो मेरे रामा भजन लिरिक्‍स aeva aeva barad samalo mere rama bhajan



पेली पेली नाम आपका लेऊ,
रिद्धि सिद्धि गणपत दो स्‍वामी ।
भक्ति के काज भूप ने छलियो,
प्रहलाद उबार्या छन मांही ।।1।।

ऐवा ऐवा बरद सम्‍मालो मेरे रामा,
हरि सेवा लागेे प्‍यारी।
अर्ज करूं भगता का तारण,
एक अर्ज मालक मारी ।।टेर।।

बालक होय रामा ध्‍यान धरिया,
तन त्‍यागिया तेरे ताई।
नारद होकर बीण बजाया,
हर मलिया टोटा काही ।।2।।

बलयोड़ा बीज दरजोजन दीदा,
जा दीदा पंडवा ताई।
पंडवा तो प्रीत रामजी से राखी,
आम्‍बो लगायो छन माई ।।3।।

पांचो पांचो पाण्‍डू छटी द्रोपदा,
सत भाखे कुन्‍ता मांई।
भगती के काज हेमाला में गळिया,
जा पहुंच्‍या दरगे माई ।।4।।

आप अजमल जी सायरिया में रमिया,
जद हरिजी वांने वचन दिया।
करणी के काज कसन घर आया,
आय रूणेजे अवतार लिया ।।5।।

मैं ही लोभी मैं ही लालची,
मैं करणी कूड़ा काचा।
''बगसोजी'' अरज करे धणिया ने,
रावळा बड़द तो है सांचा ।।6।। 

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...