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दुरजाेजन राजा लागो जी मारे जेठ durjojan raja lago ji mare jeth



दुरजाेजन राजा लागो जी मारे जेठ,

मत पकड़ो भुजा मारी फेट ।।टेर।।


मैं पुत्री तुम पिता हमारे,

आंख मीच क्‍यूं करो अंधारे।

क्‍या होगा मुख देख हमारे,

जावोला जमपुर ठेट ।।1।।


धर्म छोड़ अधर्म कमावो,

या बातां मुक्ति नहीं पावो।

अमृत तजकर विष फल खावाेे,

कैसे भरेलो थारो पेट ।।2।।


मैं तो हूं पंड़वा की नारी,

वां पांचा से रह गई न्‍यारी।

द्रोपद कहवे बात बिचारी,

मारा धरम करम गया लेट ।।3।।


इतने में द्रोपद घबराई,

यादुपत से अर्ज लगाई।

''शंकर'' कहे बात बण आई,

आयो आयो सांवरियो सेठ ।।4।।  

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...