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मैं उघ राताली तनिक भरछाक हुआ अब मदमाता me ugh ratali tanik bharchak hua ab madmaata



मैं उघ राताली तनिक भरछाक

हुआ अब मदमाता ।।टेर।।


शब्‍द प्‍यालो म्‍हारे सतगुरु पायो,
अर्स पर्स दरस्‍या दाता।।1।।

भर्म कर्मधर भूल गया है,
उनमुनी पिया असल छाता।।2।।


सुखमण के घर सुर्त कलाड़ी,
राम रस पाप किया छकता।।3।।


अणभे री महर लहर सूं आई,
होय मतवाल भया बकता।।4।।

रूम रूम मैं चढ़ी खुमारी,
फेर पिवण की है ममता।।5।।

''लिखमा'' लाभ हरि रस पिया,
अनन्‍त छका फेर है मुक्‍ता।।6।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...