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जाणेला जाणनहारा कोई समझेला हरिजन प्‍यारा janela janan hara koi samajela harijan pyara

जाणेला जाणनहारा,

कोई समझेला हरिजन प्‍यारा,

भक्ति का बड़द बिचारा।।टेर।।

 

पहली भक्ति कहिये सरवणा,

दूजी वन्‍दन जाण।

तीजी भक्ति पद सेवणी,

चोथी ने कीर्तन जाण।।1।।

 

पांचवी भक्ति दास कुवावे,

छठी हरजन जाण।

सातवी भक्ति सुकोपति है,

उत्‍तम आठवी ने जाण।।2।।

 

नोमी भक्ति अलपण कहिये,

तन मन धन कुर्बाण।

भक्ति भेलो जोग कहिये,

जोग जुदा मत जाण।।3।।

 

परा परेमी भक्ति कहिये,

दोनो है अदकार।

रूपनाथ माने सतगरू मिलिया,

दौलोजी करे पुकार।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...