सभा में मेरा कौन करेला निस्तारा,
आप करोला निस्तारा ।।टेर।।
जहां जहां तुझे याद किया था,
वहां वहां तू मौजूद खड़ा था।
नरसी का तूने भात भरा था,
काम काज सब सारा ।।1।।
द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो,
बली छळ ने बावण बन आयाे।
अपनो जन प्रहलाद बचायो,
हिरणाकुश को मारा ।।2।।
मीरा बाई सदन कसाई,
नामदेव की छान छवाई।
कबीरा के घर बालद आई,
आप बणे बणजारा ।।3।।
अलीबक्स को गांव मण्डोवर,
सब भइयन में है टिकायत।
कहे गोविन्दर करे निछावर,
हृदय करो उजाला ।।4।।