सत् की संगत करे सतवादी,
सतगरू हाट पसारी।
तन मन धन नाव के साठे,
न जलम की यारी।।1।।
साधा बणज करे बोपारी,
तोला तरम तराजू ताकड़ी।
काण काढ़ दे सारी।।टेर।।
मूरख बणज करे माया से,
साधू बाणाधारी।
पल माय तोल मोल न डूबे,
न बढ़ने की यारी।।2।।
समज्या की सेण समझ कर लीजो,
सुणज्यो नर और नारी।
जेठपुरी तराजू तोले,
तोले सुरता प्यारी।।3।।