प्रेम पिया से राखो म्हारी बहना,
प्रेम पिया से राखो ये।
हाथ जोड़ ने हाजर रेवो,
मिले मुक्ति को नाको ये।।टेर।।
अपना पति ने ईश्वर जाणो,
दूजो काको भाभो ये।
सास ससुर ने ऐसे जाणो,
तीरथ खास गंगा को ये।।1।।
निन्दिया चुगली करो ना किसी की,
सत सत मुख से भाको ये।
धीमी चालो मन्दरी बोलो,
नगर सरावे आको ये।।2।।
उठ प्रभात राम ने भज लो,
राखो पूरो ताको ये।
पीछे घर को काम सम्भालो,
यो धर्म आद सदाको ये।।3।।
मानुष जन्म मिलियो मुश्किल से,
राम नाम रस चाखो ये।
दानाराम थाने समझावे,
कर कर ऊंचों हाको ये।।4।।