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राम थारी नगरी में कई गाटो करमा में लिख्‍योड़ो मिले रे आटो Ram thari nagri me kai gato karma me likhyodo mile re aato

::कुण्‍डली::

कीने मले ज्‍वार बाजरी,

कोई ने मले चणा को आटो।

कोई ने मले भाया हाथी घोड़ा,

कोई जावे भाया पैदल नाटो।

कोई ने मले रे भाया महल मालिया,

कोई ने मले रे भाया छप्‍पर फाटो।

 

::भजन::

करमा में लिख्‍योड़ो मिले रे आटो,

राम थारी नगरी में कई गाटो।।टेर।।

 

कोई ने मिले रे भाया टेरिकोटन कपड़ा।

कोई के कमीज मोरा मूं फाटो।।1।।

 

कोई ने मले रे भाया पेचदार साफो।

कोई के न आवे वो तो डोड आंटो।।2।।

 

कोई ने मले रे भाया सीरो और लापसी।

कोई ने मले रे भाया छाछ खाटो।।3।।

 

कठे तो बरसे रे भाया मूसलधार बरखा।

कठे तो पड़े रे कोनी एक छांटो।।4।।

 

तुलसीदासजी के घरे पधारता।

पग में कई थारे भागो कांटो।।5।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...