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साधू भाई सतगरू भेद बताया श्रुति शिखा परखाया satguru bhed bataya shruti sikha parkhaya

 

साधू भाई सतगरू भेद बताया।

भूमा भोम अखे परमानन्‍द,

श्रुति शिखा परखाया।।टेर।।

 

ब्रह्म सत्‍य मिथ्‍या जग माया,

जीव ब्रह्म इकराया।

देह नहीं तू आत्‍म केवल,

सोहं शब्‍द सुणाया।।1।।

 

सोहं सोहं सतगरू बोले,

हिरदे देश घरणाया।

उनमुख होय श्रुति संग सुणता,

सुरता तार लगाया।।2।।

 

आपो भूल आप में रलायो,

जहां द्वेत नहीं माया।

अदृश्‍य आप असंग अपरोखा,

शांत सुखी सुख दाया।।3।।

 

देव निरंजन सतगुरू शरणे,

तीनूं ताप बिसराया।

सिद्धनाथ आत्‍म पद भूमा,

निज अनुभव थिरथाया।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...