समझो जो तो बेगा समझ जो,
समझबा में सार है।
अण समज्या ने जमड़ा मारे,
भेम लेलो मार है।।टेर।।
चेलो बूझे गरूजी ने,
अरज करू अवतार है।
खबट्या खाट्या होवे ज्यांका,
न्याव करो निराधार है।।
भै मूं खेले भै मूं बेले,
भै मूं लेवे नाम है।
अण दोस्या के दोष लगावे,
मींडग माथे डाव है।।1।।
चेलो बूझे गुरां जी ने,
अर्ज करू औतार है।
भोपा भरड़ा खेले जींका,
न्याव करो निराधार है।।
जोर में भोपो फेर बोफो,
खाने खून्दे खेल है।
बूढ़ो हेवे जदी नाड़ हाले,
रत्ती ने करे फेल है।।2।।
चेलो बूझे गुरां जी ने,
अर्ज करू औतार है।
भूत पळीत व्हे ज्यांका,
न्याव करो निराधार है।।
अंधारी रात में अड़वो देख्यो,
ही बिजलौदी रात है।
भूत जाण ने दूरो भागो,
नितर करतो मारी घात है।।3।।
चेलो बूझे गुरां जी ने,
अर्ज करू औतार है।
जंतर मंतर करे ज्यांका,
न्याव करो निराधार है।।
शस्त्र का मार्या सैकड़ो जेल में,
जादू का दो है न चार है।
जादू मंतर सांचा व्हे तो,
शस्त्र कां राखे सरकार है।।4।।
चेलो बूझे गुरां जी ने,
अर्ज करू औतार है।
भ्रम अंधारा में भे रिया ज्यांका,
न्याव करो निराधार है।।
काली रस्सी गेला में पड़ी,
देख न भागो सांप है।
समझ चेतन दन उगो,
समझबो आपू आप है।।5।।
पदमगरू परवाणी मलग्या,
लाडूजी कीदी साफ है।
गुजर गरीबो
‘कनीरामजी’ केवे,
भलो समझायो मारे बाप है।।6।।