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घर नार थारी महिमा जग में जाणी मारा राम ghar naar thari mahima jag me jani bhajan lyrics

 

घर नार थारी,

महिमा जग में जाणी मारा राम॥टेर॥

 

जंगल में एक महात्‍मा,

पढ़‍ रिया वेद पुराण।

बगली बैठी रूख पे,

पीट कीदी अणजाण॥1॥

 

कोप कियो जद महात्‍मा,

भसम हुई तत्‍काल।

भीख मांगबा निकल्‍या,

गया नगर में चाल॥2॥

 

भिक्षा मांगी जायकर,

तो औरत बोली बात।

थोड़ा ठहरो बाबजी,

धोकर आऊ हाथ॥3॥

 

इतने में पति आ गया,

भोजन लावो नार।

पति सेवा में लागगी,

भोजन है तैयार॥4॥

 

ले भिक्षा जब देर से,

घर से निकली नार।

मोड़ी आई रांड थू,

गणी लगाई बार॥5॥

 

बगली समज्‍यो रे तूम्‍बड़ा,

जो भसम कीदी बन माय।

भैरू लाल की विणती,

पण्‍डत रियो घबराय॥6॥

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...