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अवधू संसार सपना सोही संसार सपनो सारले प्राणी avadhu sansar sapna sohi sansar sapno saarle



अवधू संसार सपना सोही,

संसार सपनो सारले प्राणी, 

गर्व किया क्‍या होई।।टेर।।


एक बून्‍द सूं तीन उपाया,

हाड़ मांस अरु लोही।

पांच सन्‍त गुण तीन भेलिया,

डोर पवन री पोई।।1।।


मैं पण आयो थेपण नाही,

जोह जोह जग जोही।

आयो मानुष फिर नहीं आवे,

देखण रा दिन दोई।।2।।


मात पिता थारे घर की नारी,

सब स्‍वास्‍थ्‍य रा होई।

आई आवड़दा उठ चलेेेगो,

संग चलेगो नहीं कोई।।3।।


मानुष भरे माया रे कारण,

मन लोभी दिल होई।

कह ''लिखमो'' जन्‍म सुधारियो,

म्‍हारे परम घट पूजा सोही।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...