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अब हम गरूगम आत्‍म चिन्‍हा आऊ न जाऊ मरू न जनमू ab hum gurugam aatm chinha aau na jaau maru nahi janmu

 

अब हम गरूगम आत्‍म चिन्‍हा,

आऊ न जाऊ मरू न जनमू,

ऐसा निश्‍चय कीना।।टेर।।

 

भेख लिया जब सुख दु:ख त्‍यागा,

राम रंग से भीना।

घट घट में सायब सा जाण्‍या,

दुरमती दूरी कीना।।1।।

 

भेख फकीरी सब कोइ लेवे,

ज्ञान फकीरी पद झीणा।

जिणके बाण लगा शब्‍दों सतगुरा का,

शीश उतार धर दीना।।2।।

 

मरजीवा होय जगत में बिसरू,

सवाल करू ना कीन्‍हा।

जिनकी कला सकल में व्‍यापे,

सो सायब लख लीना।।3।।

 

फेरी नहीं फिरू मांग नहीं खाता,

ऐसा निश्‍चय कीना।

अजगर इधर उधर नहीं डोले,

चून हरि लिख दीना।।4।।

 

भक्ति का नैण ज्ञान का दर्पण,

रवि बैराग मिल तीना।

धनसुखराम आतम मुख दरशे,

लखे संत परवीणा।।5।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...