या दुरबल की अरदास,
रामदे अरज करू थाने।।टेर।।
अजमलजी ने मल्या रामदे,
वचन दिया वाने।
पीर आय प्रेम गरू पोढ्या,
दुनियां तो जाणे।।1।।
लद बालद बणजारो आयो,
जा पूछ्यो वाने।
मसरी को थे लूण बणायो,
दुनियां तो जाणे।।2।।
भैरू दाणो अखाड़े लडियो,
जा पकड्यो वाने।
पकड़ भुजा धरणी पर पटक्यो,
कंस मार्यो कान्हे।।3।।
कूड़ी कपटी लोभी लालची,
ये थारे पाने।
हरिराम चरणां को चाकर,
दे दरसण माने।।4।।