उमावो लागे रे अमर लोग रो
जाणो भायों विकट मजधार
सादुड़ा पुगा अपणी गोत रा ।टेर।
बडला सलगावो भाया पीपला
सांदो भायों सरवररिया री पाल
धरमीड़ा जावे जी फूल विरोलता
पापीड़ा पर पड़े बडकी डाल ।1।
आबुसण पहरावो मुखमल मोचडीयों
सन्ता को करो संतकार
ऐ पुष्प बेबाणा वारा बेठणा
पापीडा रे खाँडा वाली धार ।2।
जीवड़ा मत मारो मारा भायड़ा
मती ताको ओरी पराई नार
मदंडो माणो तो नरगा जावणा
थाने मारा गुरा जी की आण ।3।
कन्या परण वो धर्म धारणा
मात पिता को पुत्र अज्ञाकार
सरवण जैसा पुत सुहावणा
बेतरणी से उतरे पेली पार ।4।
पुरब द्वारे थाकां बैठणा
चित्रगुप्ता करे संतकार
परवाना सुणलो जी जेठु नाथ का
बाच देखो गुरड़ पुराण ।5।