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है कोई साध सायब रा hai koi saadh sayab ra mat hoy nirbhay

है कोई साध सायब रा,
मत होय निर्भय टुकियक भय राखो मालिक रा।।टेर।।



अल्‍ला अलेख दोय मत जाणो,
मेटो खोज भरमन्‍दा।
आपा खोज आपदा रालो,
पखा न पालो बन्‍दा।।1।।

इन्‍दर एक दोय मत जाणो,
मेटो दिल री दुविन्‍धा।
अरस परस धणी आपस नापो,
 निरमल जल बरसन्‍दा।।2।।

आला पिंगला साज सुखमणा,
त्रिपुटी जाप जपन्‍दा।
उनसुन नेजा रोप सिखरगढ़,
फुरके फरक फुकन्‍दा।।3।।

माया मुकाम देवरा मांही,
तकिया है आलमदा।
भेेद कथे बे स्‍याही मांही।
ध्‍यान धरो हरदम रा।।4।।

धर विश्‍वास धण ने ध्‍यावो,
कोई हरिजन हर सिवरन्‍दा।
ऐसा जाप जपे ''माली लिखमो'',
कटे जम रा फन्‍दा।।5।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...