आशा लागे आसाढ़ बरसे,
बीज भांत दो बोहरा।
ऊबी साका जल बना सूखे,
टेम देख नटग्या बोरा।।1।।
आप धणीपत बेगा पधारो,
आप इन्दर सब का बोहरा।।टेर।।
राजा परजा सोज करे,
कॉ काडे दन कोरा।
आप ऐरापत बेगा पधारो,
काल कंठ के दे टोरा।।2।।
देवे गटतो लेवे सवासो,
जांने दुनिया केवे बोहरा।
असी नीत तो महा कपट्या की,
ज्यांने करे धणी सोरा।।3।।
माऊ ऊठ मालवे हाली,
संग में छोरी छोरा।
आप बना तो दनिया दोयली,
छोड़ चल्या हेरी ओवरा।।4।।
बदीयो पाप अठारा बसवा,
धर्म की हाण पापी पहरा।
सतगुरा शरणे रामलाल बोले,
गऊ संत ने कर दे सोरा।।5।।