ऐसी फेरे कोई संत सुजाण aisi phere koi sant sujan hiya bich hari mala
जागो जूनी कला गोसाई भीड़ पर्या भगतां रे भेला jago juni kala gosai bheed parya bhagta re
जागो जूनी कला गोसाई,
भीड़ पर्या भगतां रे भेला संकट मेटे सांई।।टेर।।
भजमन गिरधारी गोविन्दा bhaj man girdhari govinda bhajan lyrics
म्हारी शरम राजरे शरणे, कलम राखज्यो जनम सुधार mari sharam rajre sharne kalam rakh jo janam
आई म्हानेे संत शब्द इकतारी aai maane sant shabd iktari hai hari ek
आई म्हानेे संत शब्द इकतारी,
हे हरि एक एक कर जाणो,दीसे दुबधा न्यारी ।।टेर।।
ओमकार अटल अण्घड़,
सत सोहू माया थारी ।
माया का विस्तार ब्रह्म बिच,
रचना कुदरत थारी।।1।।
माया में मोह रहता हैै,
हो अला ओमकारी।
व्यापक ब्रह्म भर्म सूं भूला,
सो कर्म अधिकारी ।।2।।
मच्छ कच्छ हूवो तूही,
हरि बारा तू नरसिंह नखधारी।
बाबन होय बलद्वार पधारियो,
परशराम अवतारी।।3।।
राम अवतार हुयो तू राघव,
धन छलियो कलाधारी ।
तूही कृष्ण रणछोड़ द्वारका,
गोविन्दो गिरधारी ।।4।।
कलयुग दसवी कला पूजाई,
हुवा रामदेव छत्रधारी।
थे निकलंक होय सो नारायण,
कर कालिंगा पर त्यारी।।5।।
बुध अवतार ओलखियो बुध से,
सत् असत् शब्द विचारी।
से समदृष्टि साधु बड़भागी,
दुतिया मिटही यारी।।6।।
सिद्ध साधक संता सब सिवरे,
जीव ज्यां जोत तुम्हारी।
तुम सर्वगी सब में बोले,
जड़ चेतन जग सारी।।7।।
धर विश्वास सांच संग सिद्धा
सन्त अनन्त विचारी।
सो विश्वास फल अब लिखमा जाणे,
जीस्यो हरि त्यारी।।8।।
जल जइयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE
राम के नाम बिना रे मूरख राम के नाम बिना रे, जल जइयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...
