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घूमतड़ा घर आवो आवो जी मोरे प्‍यारे गजानन्‍द ghumtada ghar aao aao ji more pyare gajanand.html



घूमतड़ा घर आवो, 

आवो जी मोरे प्‍यारे गजानन्‍द ।।टेर।।


मूसे असवारी रामा गणपत आवो,

संग में रिद्धि सिद्धि लावो।।१।।


नंदीये असवारी रामा शिवजी पधारो,

संग में पार्वती लावो।।२।।


ब्रह्मा भी आवो विष्‍णु भी आवो,

संग में लावो जी सरस्‍वती।।३।।


रामा भी आवो सावरांं लछमण आवो,

संग में सीता जी को लावो।।४।।


बाई मीरांं के प्रभुु गिरधर नागर,

चरणों में शीश नवाऊ नवाऊ।।५।।





सीवरों सादा गणपत देवा भुल भरम में मत रीजो sivaro sada ganpat deva bhul bharm me mat rijo



 सीवरों सादा गणपत देवा,

भुल भरम में मत रीजो

निरभय पिया जी निरगुण धारा,

सरीगुण काज सरालिजो ॥1


गुणा के पति गुराजी ने शीवरू,

त्रीगुण त्राप मिटा दिजो।

गवरी के पुत्र गजानन्द शीवरू,

रीद्धी सीद्धी ने संग लिजो ॥2


तोड़ी भीत रीत सब जाणी,

दर्शन कर मारो मन रीज्‍यो।

चरण कमल में गंगा खलकी,

ले प्यालो अमरत पीज्यो ||3


जोग भोग संजोगु पारा,

विजोग वासना ने पर हरजो।

पांच विषय ने परले मेलो,

पांच बेडी पुजन करजो ॥4


नांव धर्म ने नरबे जाणो,

और देव ने मत पुजो।

पड़ो ला पंड पार नहीं जावो,

अतरो भरसी लिखर लिज्यों॥5


गोपीनाथ मिलीया गुरु पुरा,

धायो देव मा नही दुजो।

शंकर नाथ गुराजी के शरणे,

नाम को पकडीयो पन्जो ॥6

गणराज थाने सबसे पेली धाऊ मारा देव Ganraj thane sabse peli dhau mara dev bhajan lyrics

 


गणराज थाने सबसे पेली,

धाऊ मारा देव।

गणराज जी ओ गणराज॥टेर॥

 

माता कहिजे पारवती,

पिता कहे महादेव, पिता है शंकर देव।

राजा परजा बादशाह,

सभी करे थारी सेव॥1॥

 

रणत भंवर को बैठणो,

आवे देव तमाम।

सारा पेली जो जपे,

उनका सुधरे काम॥2॥


दून्‍द्याला ने दु:ख ने हरो,

दीखो बाली बेस।

सारा पेली सिंवरता,

काटो सब ही कलेश॥3॥

 

शुरू करो कोई काम को,

ले गणपत को नाम।

रिद्धि सिद्धि वहां आवसी,

दन दन दूणो दाम॥4॥

 

भैरू लाल की बिणती,

सुणज्‍यो गणपत राय।

सब पर किरपा राखजो,

राखो सब ने हरसाय॥5॥

गणपत देव बड़ा मतवाला Ganpat dev bada matwala bhajan lyrics

आदुु अन्त करूं थांकी सिवरणा,
जुंगा-जुंगा थारी करा सिवरणा।
मारा खोलो गिगन घर ताला,
गणपत देव बड़ा मतवाला।।टेर।।


आपने सिंवरिया अगम की सुझे,
सुद्ध बुद्ध देबा वाला।
शंकर जी का लाल कुवाया,
पारवती जी का बाला।।1।।

प्रथम नमन करूं आपने,
काटो करमां का जाला।
सिर पर हाथ धरो मेरे दाता,
रिद्धि सिद्धि देबा वाला।।2।।

चार जूगां में अगम पुजाया,
जागिया गुरूजी का बाला ।
जाणिया जो तो करणी करग्या,
जाके घट में होग्या ऊजाला।।3।।

पदमगुरू परवाणी मिलिया,
लाडूरामजी का बाला।
गुर्जर गरीबीऊ कनीरामजी बोले,
गांव गोरख्या वाला।।4।।




गणपति थाने मनाया माने सुद बुद आवे छ ganpati thane manaya mane sudh budh aave cha



गणपति थाने मनाया,

माने सुद बुद आवे छ।

भूली विद्या रा सुमरण,

गणपति देव करावे छ।।टेर।।


माता गवरी शंकर का,

गणपति पुत्र कहावे छ।

मोटा मन्‍दर तुम्‍हारा,

दुनिया दरसण पावे छ।।१।।


सावण अन्तिम रविवारो,

थारो मेलो आवे छ।

दुनिया आवे परसादी लावे,

भेंट चढ़ावे छ।।२।।


राजा परजा बोपारी वो थाने,

सदा मनावे छ। 

मंगलकारी कामां में थाने,

नूत बुलावे छ।।३।।


बिगड्या कारज होवे तो,

कृपा कर सुलझावे छ।

बल बुद्धि विद्या वरदायक,

विघन नसावे छ।।४।।


कल्‍याण भारती सतगरू ,

गणपति का रूप लखावे छ।

गणपति महिमा सतसंग में,

सेवा भारती गावे छ।।५।।


तुम रिद्धि सिद्धि लेकर आवो, गजानन्‍द प्‍यारा भजन लिरिक्‍स aao gajanand pyara bhajan lyrics


संग चढ़े हनुमान देवता सारा,

तुम रिद्धि सिद्धि लेकर आवो, 

गजानन्‍द प्‍यारा ।।टेर।।


एक रणत भंवर आप बिराजो देवा।

एक रिद्धि सिद्धि लारा लाय करू थारी सेवा ।।1।।


एक हरी हरी पीली देवा आंगणो निपाऊ देवा ।

एक मातियां रा चौक पूराय करू थारी सेवा ।।2।।


एक न्‍हाय धोय कर स्‍नान कराऊ देवा।

इक आभूषण माला पहराय करू थारी सेवा ।।3।।


इक चव चव चन्‍दन और अरगजा देवा।

एक केशर तिलक चढ़ाय करू थारी सेवा ।।4।।


एक धूप दीप कर आरती संजोऊ देवा।

एक लडूवां का भोग लगाय करू थारी सेवा ।।5।।


एक लोंग सुपारी  पान केरा बिड़ला देवा।

एक श्रीफल भेंट चढ़ाय करू थारी सेवा ।।6।।


एक थारी माता पार्वती है देवा।

एक पिता शंकर देव करू थारी सेवा ।।7।।


एक ऊंचे पर्वत आप बिराजो देवा।

एक नीचे नगर बसाय करू थारी सेवा ।।8।।


एक बाई मीरां के प्रभु गिरधर नागर देवा।

एक चित चरणां में लाय करू थारी सेवा ।।9।।

ऐसो मारो देवा मे देव सरे सिवरिया ही आनंद करे aiso maro deva me dev sare



ऐसो मारो देवा मे देव सरे,
सिवरिया ही आनंद करे ॥ टेर ॥


गणपत देव गजानन्‍द सिवरूं,
विघन दूर करे वो।
आदू धर्म की शाखा वेद में,
ज्ञानी ज्ञान करे वो।।1।।


शील स्‍नान ध्‍यान और धुन में,
ऐसो स्‍नान करे वो।
काना कुण्‍डल अंग भभूति,
केसर तिलक करे वो।।2।।


आसण धार अगड़ होय बैठा,
लाम्‍बी सूंड करे वो।
कली केवड़ा मरवा मोगरा,
भंवर गुंजार करे वो।।3।।


लाडू जलेबी मिश्री मेवा,
अग्‍नी पे धूप करे वो।
अग्‍नी मुखार आप को देवा,
भोजन भाव करे वो।।4।।


दस अवतार देव और दानव,
नज मन ध्‍यान धरेे वो।
नारद शारद करे आरती,
रिद्धि सिद्धि चंवर करे वो।।5।।


आप अमर कबहूं नहीं मरता,
न कोई जनम धरे वो।
अलख जूूणी काटो,
जूणी गीताजी साख भरे वो।।6।।


'दोलाराम' सतगुरू मलिया,
चित मन तृप्‍त करे वो।
'शम्‍भूनाथजी' सेण बताई,
'छोगजी
' अर्ज करे वो।।7।।
  

नज मंदरिया में आप पधारो गणपति naj mandriya me aap padharo ganpati



नज मंदरिया में आप पधारो गणपति, 
धूप तो खेऊला अगरबत्‍ती।।टेर।।


मूसा री असवारी मारे रामा गणपत आया है।
संग में लाया वो रिद्धि सिद्धि।।1।।


नन्दिया असवारी मारे रामा शिवजी पधार्या है।
संग में लावो न पार्वती।।2।।


रामा भी आया सांवरा लछमण आया है।
संग में लावो न सीता सती।।3।।

ब्रह्मा भी आया रामा विष्‍णु भी आया है।
संग में लावो न सरस्‍वती।।4।।


बाई मीरां ने सांवरा मोहन मलग्‍या है।
हरि चरणा में हो जाऊ सती।।5।।




सतसंग को नूतो जेलो जी महाराज गजानन्‍द देवा satsang ko nuto jelo ji maharaj gajanand deva


 

सतसंग को नूतो जेलो जी,
महाराज गजानन्‍द देवा।
महाराज गजानन्‍द देवा,
मैं करू आपकी सेवा।।टेर।।


पहला जुगांं में प्रहलाद आया,

 लारे रतनादे राणी।।1।।


दूजा जुगां में हरिचंद आया,

लारे तारादे राणी।।2।।


तीजा जुगां में जेठल आया,

लारे द्रोपद नारी।।3।।


चौथा जुगां में बलचंद आया,

लारे संजादे नारी।।4।।


दोय कर जोड़े राणी रूपादे बोले,

घर मालजी के नारी।।5।। 

सारी तो सृष्टि का शंकर सुत देवा कारज तुम सारो sari to srishti ka shankar sut deva karaj tum saro



सारी तो सृष्टि का शंकर सुत देवा,

 कारज तुम सारो।।टेर।।


कारज सारो सृष्टि का सजी हो,

शंकर सुत देव गणपत।

तीन लोक के मायने सजी करे,

मुनि जन सेव गणपत।

करे मुनि जन सेव देव और दाहिना,

त्रिलोकी के माय रिया नहीं सायना।।1।1


एक समय नल भूपरा का,

छूट गया था राज गणपत।

दमयन्‍ती गणपत ने सिवर्या,

सर्या मनो‍रथ काज गणपत।

सर्या मनोरथ काज भूप नल उबर्या।

नरवरगढ़ के माय राज फिर से कर्या।।2।।

 

जान चढ़ी श्रीकृष्‍णचंद्र की,

 कुनणापुर मांय।

देख रूप विकराल राज का,

ले गिया जान में नांय।

ले गिया जान में नांय शरम का मारिया,

मुसा खोदी भोम क जादव हारिया।।3।।


ब्रह्माजी सृष्टि रचाई,

पेली तुझे मनाया गणपत।

शिवशंकर का लाड़ला जी,

कोई पार्वती का जाया गणपत।

पार्वती का जाया काज सब सारिया,

ध्‍याया ज्‍यांरा का बेड़ा पार उतारिया।।4।।


ओछी पिण्‍डीया दूंद दुदियालाे,

भाल तिलक चमकन्‍त गणपत।

रिद्धि सिद्धि राणी ऊबी टेल में,

निसदिन चंवर ढुलन्‍त गणपत।

निसदिन चंवर ढुलन्‍त क हाजर टेेल में,

लच्‍छीराम पर कृपा करज्‍यो खेल में।।5।।





सेवा मारी मानो स्‍वामी रे सुंडाला sewa mari mano swami re sundala bhajan lyrics



सेवा मारी मानो स्‍वामी रे सुंडाला,
पूजा मारी मानो गणपत गवरा।
खाेेेलो मारा हरदा रा ताला वो जी   ।।टेर।।


जल तो चढ़ाऊ देवा नहीं रे अछूता।
जल ने तो मछलिया बटालिया वो जी ।।1।।

दूध रे चढ़ाऊ देवा नही रे अछूता।
दूध ने तो बचिया बटालिया वो जी ।।2।।

धूप तो चढ़ाऊ देवा नही रे अछूता।
धूप ने तो अग‍नी बटालिया वो जी ।।3।।

लाडू तो चढ़ाऊ देवा नही रे अछूता।
लाड़वा ने तो मांखियां बटालिया वो जी ।।4।।

फूलड़ा चढ़ाऊ देवा नही रे अछूता।
फूलड़ा ने तो भंवरा बटालिया वो जी ।।5।।

शबद चढ़ाऊ देवा नही रे अछूता।
शबद ने तो जीब बटालिया वो जी ।।6।।

शीश चढ़ाऊ देवा नही रे अछूता।
शीश   ने तो छरिया बटालिया वो जी ।।7।।

मछन्‍दर प्रताप जती गोरख बोले।
सत न धर्म अछूता है वो जी ।।8।।





मैं थाने सिवरूं गजानन्‍द वो देवा main thane sivaru gajanand deva bhajan lyrics



मैं थाने सिवरूं गजानन्‍द वो देवा,
हिरदे करो न उजियाला जी।
सरस्‍वती माता वो शारदा ने सिवरूं,
खोलो मारा हरदा तालाजी।
निंदरा ने मारो भोलानाथ जी।।टेर।।


जरणी न जायो रे ओदर कोनी आयो।
अमिया राेे लाल कहवायो जिवो।।१।।
 
पाणी सूं तो पतलो पवन सूं जीणो।
चोबारिया तो हनुमत गाजे जी वो।।२।।

हाथ रे गालू रे हीरो हाथ कोनी आवे।
मुठिया में नहीं रे समावे जी वो।।३।।

मछन्‍दर प्रताप जती गाेरख बोल्‍या।
खुल गया भरम वाला ताला जी वो।।४।। 






मनावो साधां गवरी का नन्‍द गणेश manavo sadha gavari ka nand ganesh bhajan lyrics



मनावो साधां गवरी का नन्‍द गणेश ।।टेर।।

साेेहं शब्‍द को सही कर मानो।
ध्‍यान धरो जी हमेश।।1।।

मूल कंवल में बसे गणेशा।
पहर पीताम्‍बर वेश।।2।।

माता तेरी पार्वती है।
पिता वर कहिये महेश।।3।।
 
गणेश धावे सोई फल पावे।
जाय पूंगे उण देश।।4।।

कहत 'मंगलगिरी' सुणो भाई साधो।
भजन करो बाली वेश।।5।।

गजानन्‍द जी ने सोहवे दो नारी gajanand ji ne sohave do naari har ki sobha bhari



गजानन्‍द जी ने सोहवे दो नारी।
दो नारी वो हर की शोभा भारी।।टेर।।

एक तो नारी वो पाणीड़ो लावे है।
स्‍नान करावे वा तो दूजी नारी ।।1।।

एक तो नारी वो हर के चन्‍दन घसे है।
तलक चढ़ावे वा तो दूजी नारी ।।2।।

एक तो नारी वो हर के भोजन बणावे है।
 थाल परूषे वा तो दूजी नारी ।।3।।

एक तो नारी वो हर के ढोलियो ढलावे है।
पांव दबावे वा तो दूजी नारी ।।4।।

बाई मीरां ने सांवरा गिरधर मलिया है।
गणपत की वो सेवा लागे प्‍यारी ।।5।।

आवो गवरी रा गणराज aavo gavari ra ganraj bhajan lyrics


आवो गवरी रा गणराज,
विनायक दुंद दुदियाला।
विनायक दुंद दुदियाला,
सिन्‍दुरिया सुंड सुडाला।।टेर।।

विश्‍वकर्मा ने विश्‍व रचाया,
पृथ्‍वी पर प्रथम पुजाया।
माया सकल मनावे आज।।१।।

सब बाट देवता जोवे,
थाने सिवरिया ही सिद्ध होवे।
होवे सकल मनोरथ काज।।२।।

ब्रह्मा वेद बखाणे वाणी,
थे तेतीसा अगवाणी।
राणी रिद्धि सिद्धि के सर ताज।।३।।

शुद्ध वाणी निकले मुह से,
''भैैैैरियो'' भगवान भरोसे।
थासे अर्ज करे महाराज।।४।।



गजानन्‍द म्‍हारे आवो जी gajanand mare aavo ji bhajan lyrics



गजानन्‍द म्‍हारे आवो जी ओ,
गजानन्‍द म्‍हारे आवो जी।
बैठ सभा में धाऊ आपने,
रिद्धि सिद्धि लावो जी।।टेर।।

ब्रह्मा के संग विष्‍णु लाज्‍यो,
माखन चोर कन्‍हैया।
मात शारदा संग में लाज्‍यो,
राधा रूकमणिया।।१।।

श्रीराम संग लछमण लाज्‍यो,
भरत शत्रुुघन भैया।
मात जान‍की संग में लाज्‍यो,
हनुमान चढिया।।२।।

नांदिया चढिया शिवजी आवो,
डमरु साज बजैया।
मात गोरजा संग में लाज्‍यो,
बांटे भांग डलिया।।३।।


बावन भैरू चौसठ जोगणिया,
संग में अम्‍बे मैया।
पीर रामदे वीर तेजाजी,
घोड़े पर चढिया।।४।।

''पूनम चंद'' पर किरपा करज्‍यो,
पार लगाज्‍यो नैया।
सतसंग मारी सफल बणाज्‍यो,
बांटू गुड़ डलिया।।५।।

संता करो भजन गणपत का santa karo bhajan ganpat ka bhajna lyrics



संता करो भजन गणपत का
 सिंह ने आसरा बन का, बन ने आसरा सिंह का ।।टेर।।


सुरत माय शारद सिमरू,

पढु भगवद गीता ।

गुरांपीरा ने सदाही मैं सिमरू,

कटे जाल जम का ।।1।। 


सागर पर धणी सिला तिराई,  

नाम लिया अवगत रा ।

राजा रावण की लंका जलाई, 

हनुमत दीन्हा डंका ।।2।।


गिरवर धार गोकुल उबारियो, 

झोड़ मेटिया इन्द्र का ।

सिरियादे रे आरोधे आया, 

बछिया उबारिया मंजारी का ।।3।।


बेस पिपाल कालो नाग नाथियो, 

सगलाई गुण गोविन्द रा ।

रूपादे रे आरोधे आया, 

थाल भरिया फुलन का ।।4।।


काया नगर मे उलटाया गोला, 

ठाट पार पवनरा ।

गुरूप्रताप सिवरे माली लिखमी, 

नहीं भरोसा काया छन रा।।5।।  

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...