घूमतड़ा घर आवो,
आवो जी मोरे प्यारे गजानन्द ।।टेर।।
मूसे असवारी रामा गणपत आवो,
संग में रिद्धि सिद्धि लावो।।१।।
नंदीये असवारी रामा शिवजी पधारो,
संग में पार्वती लावो।।२।।
ब्रह्मा भी आवो विष्णु भी आवो,
संग में लावो जी सरस्वती।।३।।
रामा भी आवो सावरांं लछमण आवो,
संग में सीता जी को लावो।।४।।
बाई मीरांं के प्रभुु गिरधर नागर,
चरणों में शीश नवाऊ नवाऊ।।५।।
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