चारों वरण में है वो ही बड़ा जिसने राधेकृष्‍ण है रटा रटा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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चारों वरण में है वो ही बड़ा जिसने राधेकृष्‍ण है रटा रटा charo varan me vo bada jisne RadheKrishna he rata

 

चारों वरण में है वो ही बड़ा,

जिसने राधेकृष्‍ण है रटा रटा ।।टेर।।

 

ये सब हीरा लाल अमोलक,

दिन दिन जावे घटा घटा ।

कौल किया जब बाहर आया,

अब क्‍यों फिर रहा हटा हटा ।।1।।

 

कांहे को जोड़े माल खजाना,

कांहे को चुणावे ऊंची अटा ।

यम की तलबी आवेगी तब,

छोड़ जाय सब लटा पटा ।।2।।

 

भाई बन्‍धु सब डरपण लागे,

देखत नैना फटा फटा ।

जब ये हंसा करे पयाण,

सब को लागे खटा खटा ।।3।।

 

दुनियां है मतलब की गरजी,

स्‍वारथ से बोले मीठा मीठा ।

चंद्रसखी ब्रजबाल कृष्‍ण छवि,

शीश मुकुट अरू हाथ लटा ।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...