मारा हंसला रे चालो शिखरगढ़ काया कोटड़ी में रंग लागो लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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मारा हंसला रे चालो शिखरगढ़ काया कोटड़ी में रंग लागो mara hansla re chalo shikhargad kaya kotadi me rang lago

 

मारा हंसला रे चालो शिखरगढ़,

काया कोटड़ी में रंग लागो,

रंग लागो ज्‍याको भो भागो।।टेर।।

 

राम नाम को पीवो प्‍याला,

पीवत पीवत रंग लागो।

सुरत नीरत मल आई ठीकाणे,

अब काया में पीव जागो।।1।।

 

डांवी इंगला जीमणी पिंगला,

सुखमण के धोरे लागो।

त्रिवेणी का रंग महल में,

अजब जड़ाको अब लागो।।2।।

 

झरमर झरमर महीड़ो बरसे,

घरहर इन्‍दर गाजे।

मार हाथ बाबो चढ्यो शिखर में,

अणगड़ से बातां लागो।।3।।

 

धरण गगन बिच तपसीड़ो तापे,

वणी बाबाऊ मारो मन लागो।

मछन्‍दर प्रताप जती गोरख बोले,

भाग पुरबलो अब जागो।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...