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कानूड़ा लाल मांसू रीजे आंतरे खड़ो kanuda laal masu rije aatare khado

कानूड़ा लाल मांसू रीजे आंतरे खड़ो।।टेर।।

 

और गुजरिया काना,

माने मत जाणे।

कानूड़ा लाल मारो है,

सुभाव कड़ो।।1।।

 

और गुजरिया काना,

काली रे काली।

कानूड़ा लाल मैं हूं जाण्‍या,

रूप को डलो।।2।।

 

और गुजरिया काना,

छाछ ही पीवे।

कानूड़ा लाल मैं पीऊ,

दूध को पल़ो।।3।।

 

माखन मिश्री के खातर,

लारा लारा डोले।

कानूड़ा लाल फोड्यो मारो,

दही को घड़ो।।4।।

 

घरे जाताई मारी,

सास लड़ेली।

कानूड़ा लाल ई प्रीती पे,

बिजली पड़ो।।5।।

 

इतना तो बालक काना,

देख्‍या रे ब्रज में।

कानूड़ा लाल थू है सबसे,

उधमी बड़ो।।6।।

 

चन्‍द्र सखी काना,

नित थने सिवरे।

कानूड़ा लाल,

लछमण थारे शरण पड़ो।।7।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...