सतगरूजी द्वारे आया जी ओ भाइड़ा॥टेर॥
सतगरूजी मारे आया जी ओ रामजी
॥टेर॥
फूला रा हार थे तो लावो,
फूला मालण ये।
ओरी सेवरो लेता आज्यो जी,
आज्यो माली जी॥1॥
रोना रा बाजोट्या थे तो लाज्यो,
मारे खाती जी।
ज्यांरे फूलडिया रतन जड़ाज्यो
जी,
जड़ाज्यो रामजी॥2॥
कंकू केशर का पगल्या माण्डो,
मारी सैया ये।
थे तो पंखा पाव ढुलवावो जी,
ढुलवावो राम जी॥3॥
षटरस भोजन थे तो बणाओ,
मारी सैया ये।
थे तो गरूजी ने नूत जीमाओ जी,
जीमाओ रामजी॥4॥
रामजी रो नाम सुणायो,
मारा सतगरूजी।
थे तो भवसागर तर जावो जी,
तर जावो रामजी॥5॥
भैरूलाल गरू जी,
थाका जश गावे।
चरणां में शीश नवावे ओ,
नवावे रामजी॥6॥