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कर लेणा नर और नार भगती शिवजी की kar lena nar aur naar bhagti shivji ki bhajan lyrics

 

कर लेणा नर और नार ,

भगती शिवजी की।

कर देवे बेड़ा पार ,

सेवा पिवजी की।।टेर।।

 

घणा देवरा धोकता ,

बामण के बेटो होय।

बालपणा में मर गयो ,

बामण जुर-जुर रोय।

कैसी पड़ गई जम की मार।।1।।

 

मर्या लगाने ले गोदी में ,

गया मसाणा माय।

दु:खी होय कर रोने लगे,

न कोई और उपाय।

सभी बैठ गये वहां हार।।2।।

 

बालक की बाते याद कर,

शोक मगन हो जाय।

शमसाणा में छोड़कर ,

कैसे घर पर आय।

सभी करते यही विचार।।3।।

 

शब्‍द सुणकर रोने का ,

एक गीध वहां पर आया।

जिन्‍दा अब होगा नहीं ,

कां रोवो रे भाया।

इन्‍हे छोड़ जाओ घर द्वार।।4।।

 

मृत्‍युलोक में जनम लिया ,

तो मरणा एक दिन होगा।

मरिया पाछे कोई भी,

जिन्‍दा हुआ न होगा।

या ले लो मन में धार।।5।।

 

सूर्य अस्‍त हो रहा ,

दुनिया छोड़ि‍यो काम।

मरे पुत्र को छोड़कर,

जाओ अपने धाम।

अब जाने को हुए तैयार।।6।।

 

इतने में एक गीदड़ आया ,

बोला मीठी वाणी।

सूर्य अस्‍त हुआ नहीं ,

और घर जाने की ठाणी।

करो बच्‍चे से लाड और प्‍यार।।7।।

 

तरह तरह के आवे मोहरत,

घड़ी घड़ी के माय।

पता नहीं किस शुभ घड़ी में ,

बच्‍चा जिन्‍दा हो जाय।

थोड़ा करो और इन्‍तजार।।8।।

 

गीदड़ की बातो में आकर ,

मत ना भूलो भाई।

इस दुनिया के मायने ,

मौत किसे नहीं आई।

सभी होवे कर्म अनुसार।।9।।

 

गीध की बातों को छोड़ो ,

प्रेम न तोड़ो भाई।

सिद्ध देवता आ गये तो ,

जिन्‍दा कर दिखलाई।

सुण के करूण पुकार।।10।।

 

शियार रहे शमसाण में ,

रात को खावे खाण।

गीध रहे आकाश में ,

रात को पड़े नहीं जाण।

दोनों खाने की लीनी धार।।11।।

 

एक कहे दिन अस्‍त हुआ ,

एक कहे दिन बाकी है।

घड़ीक ठहरे घड़ीक जावे ,

मन में धीरप राखी है।

खूब रो रो कर पुकार।।12।।

 

शिवजी से विणती करे ,

सुणलो भोलानाथ।

बेटे को जिन्‍दा करो ,

पकड़ो मेरा हाथ।

मारो देवो जी जनम सुधार।।13।।

 

कहने लागी पारवती ,

शिवजी सुणलो बात।

शरणे आया की लज्‍जा राखो ,

जोडू दोनों हाथ।

अब शिवजी ने सुणी है पुकार।।14।।

 

बच्‍चा जिन्‍दा कर दिया ,

और उम्र दीनी सौ साल।

शिव कृपा कैसे कहूं ,

पल में करदे निहाल।

कहे भैरू लाल विचार।।15।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...