सैया आनन्‍द पायो ये सिर पर हाथ धर्यो गुरूदाता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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सैया आनन्‍द पायो ये सिर पर हाथ धर्यो गुरूदाता saiya anand payo ye sir pe hath daryo gurudata

 

सैया आनन्‍द पायो ये ।

सिर पर हाथ धर्यो गुरूदाता,

शब्‍द सुणाया ये ।।टेर।।

 

आज सखी री आंख फडूकी,

काग उड़ाया ये ।

गुरू मिलन की अजब उमेदी,

दरसण पाया ये ।।1।।

 

कली कली सब खिल गई सारी,

बाग सिंचाया ये ।

डाल डाल पर कोयल बोले,

भंवर गुजाया ये ।।2।।

 

अड़सठ तीरथ गुरू चरणा में,

निसदिन नहाया ये ।

निरमल काया होगी सारी,

उज्‍ज्‍वल थाया ये ।।3।।

 

सतगुरू देव जगत में आया,

हाथ दिखाया ये ।

संजीवन बूंटी घोल पिलाई,

दर्द मिटाया ये ।।4।।

 

धन धन बरस मास दिन बारा,

दीन मन भाया ये ।

मुहुर्त घड़ी लगन पल आछो,

शीश झुकाया ये ।।5।।

 

केवलराम मिल्‍या गुरू पूरा,

भाग सवाया ये ।

दानाराम गुरू के शरणे,

गुरू गुण गाया ये ।।6।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...