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मुख से राम नाम ना रटे नांव में नदिया डूबी जाय mukh se Ram naam na rate naav me nadiya dubi jaay

 

मुख से राम नाम ना रटे,

नांव में नदिया डूबी जाय ।।टेर।।

 

चींटी चली अपने सासरे,

नौ मण काजल गाल ।

ऊंट अपने बगल में लीदा,

हाथी लिया लटकाय ।।1।।

 

एक अचम्‍भो ऐसो देख्‍यो,

गधा के दो सींग ।

चींटी के गले रस्‍सा बांधा,

खींचत अरजुन भीम ।।2।।

 

एक अचम्‍भो ऐसो देख्‍यो,

बन्‍दर दूहे गाय ।

दूध दूध तो खुद ही पीग्‍या,

घी यो बनारस जाय ।।3।।

 

एक अचम्‍भो ऐसो देख्‍यो,

मुर्दा रोटी खाय ।

आंखों वाले भटकट डोले,

अंधो भागो जाय ।।4।।

 

एक अचम्‍भो ऐसो देख्‍यो,

कुए में लग गई लाय ।

पानी पानी जल गया जी,

मछली खेले फाग ।।5।।

 

कहत कबीर सुणो भाई साधो,

यह पद है निर्बाणी ।

जो यां पद को अरथ जाण ले,

है बैकुण्‍ठ निशाणी ।।6।।

 

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...