प्रभुजी तुम बिन कोन सहाई।।टेर।।
मात पिता बान्धव सुत नारी,
जग में सब स्वारथ की यारी।
नहीं परलोक होय हितकारी,
सबसे होय जुदाई।।1।।
माल खजाना महल चोबारे,
कोई न जावे संग हमारे।
चल चल करके सब ही हारे,
काम कोई नहीं आई।।2।।
लाड लडाकर पालन कीना,
अत्तर फूलेल सदा मल दीना,
वस्तर भूषण नित्य नवीना,
देह पड़ी रह जाई।।3।।
तुम सबका है पालनहारा,
तेरी महिमा बड़ी अपार।
ब्रह्मानन्द दान दे प्यारा,
नाम तेरा सुखदाई।।4।।