भक्ति है पारस खान सुणज्‍यो कोई छोडो मती लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
भक्ति है पारस खान सुणज्‍यो कोई छोडो मती लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

भक्ति है पारस खान सुणज्‍यो कोई छोडो मती bhakti hai paras khan koi chodo mati

 

भक्ति है पारस खान

सुणज्‍यो कोई छोडो मती ।टेर।


लोहा समान सभी संसारा

पारस है मेरे गुरु दातारा

जागा जाका भाण

पारस से हो गई एक मती ।1।


लोहे का कंचन कर

द्वारा नगर माये हुआ उजारा

वाने सोज्या संत सुर ज्ञान

माने कमी न दिखे पावरती ।2।


संत गुरु सायब सोनी बन आया

पकड हाथ एरण चढवाया

शक्ति ने बनायों हार

शिव के बनाई लड़ा अती ।3।


हाथ में मारे सोवे अंगोठी

नाका नंतरी सोवे मोटी

नेण में सुरमों सार

मुखड़ा री चुपा भुलो मती ।4।


नथड़ी में नग राता पीला

हरा सफेद श्याम है ।

काला श्याम में सुरत सगाय

मारे ओरी नग है अटापटी ।5।


गोपीनाथ माने भलिया खोजी

शंकरनाथ पर हो गई मरजी

दुर्बल पर दया विचार

तुम भवसागर भैवो मती ।6।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...