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आछी परणाई रे नुगरा माल ने जमले जाबा कोनी देय aachi parnai nugra maal ne jamle jaba koni dey

 

आछी परणाई रे नुगरा माल ने,

जमले जाबा कोनी देय।

मेले जाबा कोनी देय,

जमले जाती तो सतगरू पूजती।।टेर।।

 

के तो बणा तो बन की रोजड़ी।

रहती जंगल के माय,

धोरा धोरा रो पाणी पीवती।।1।।

 

के तो बणा तो बन की पीपली ।

ज्‍यांरी ठण्‍डी ठण्‍डी छांव,

आयोड़ा सतगरू सा छाया बैठता ।।2।।

 

के तो बणा तो बन की बावड़ी।

ज्‍यांरो ठण्‍डो ठण्‍डो नीर,

आता सतगरू सा  न्‍हाता धोवता।।3।।

 

के तो बणा तो बन की कोयल्‍या।

बोलू मीठा मीठा बोल,

आतोड़ा सतगरू सा बोली ओलखता।।4।।

 

राणी रूपा की कीजे बीणती,

ज्‍यांरो अमरापुर में पास,

ओ जग तो दीखे माने धुंधलो।।5।।

मत कर भोली आतमा थू नुगरा को संग ये mat kar bholi aatma thu nugra ko sang ye

मत कर भोली आतमा,

थू नुगरा को संग ये।

नुगरा रा संग में,

देख जमारो खायो ये।।टेर।।

 

सुवो सुवो जाण मैं तो,

पिंजरियो बणायो ये।

करमा रा परताप से,

यो कागो निकल आयो ये।।1।।

 

सोनो सोनो जाण मैं तो,

केवटियो घड़ायो ये।

करमा रा परताप से,

यो पीतल निकल आयो ये।।2।।

 

हीरो हीरो जाण मैं तो,

अंगूठी जड़वायो ये।

करमा रा परताप से,

यो पत्‍थर निकल आयो ये।।3।।

 

साधू रे साधू जाण मैं तो,

आंगणिये जिमायो ये।

करमा रा परताप से,

यो ढोंगी निकल आयो ये।।4।।

 

गावे राणी रूपादे,

या उगमीजी की चेली ये।

करमा रा परताप से,

अमरापुर में चाली सा।।5।।

होई जावो साध सुधर जावे काया hoi javo sant saadh sudhar jave kaya bhajan lyrics


 

माल जी ओ राज,

घड़ी घड़ी समजाऊ वो रावल माल,

समज्‍योडो होवो जीणोडे मारग हालो हो जी।

 

आपणा गुरां को मारग झीणो हे वो राज।

होई जावो साध सुधर जावे काया हो जी।।टेर।।

 

ऊण्‍डा ऊण्‍डा नीर अथंग जल भरिया।

तेरूड़ा रो थाग कोनी आयो रावल माल।।1।।

 

परण्‍योरी नार पियरया में हे जी।

वां ने आणो कर लावो रावल माल।।2।।

 

ऊसर रे खेतां में बाला बीज मती भावो।

गांठड़ी रो रतन गमावो रावल माल।।3।।

 

सुबर रे घोडियां पर बाला जीण मत मांडो।

वोई नर परला में जावे वो रावल माल।।4।।

 

दिल मांय कपट कमर मांये छुरियां।

साध कणी विध कुवायो वो रावल माल।।5।।

 

घर की रे खांड खारी जहर लागे।

गुड़ तो चोरी को मीठो लागे रावल माल।।6।।

 

घर में घास्‍या घर में ढोलिया।

पर घर पोडण जावे रावल माल।।7।।

 

घर में आम्‍बा घर में आमल्‍या।

पर घर चूखण जावे वो रावल माल।।8।।

 

कड़वा रे नीम निम्‍बोली वारी मीठी।

वां में मसरी कुण घाली रावल माल।।9।।

 

पेला की नार मारग माथे ऊबी।

बेनड़ कह बतलावो रावल माल।।10।।


दोय कर जोड़ राणी रूपादे बोले है जी।

भाटी तो उगमजी की चेली हे वो राज।।11।।




सतगुरु आया पांवणा झरमर बरसे maare satguru aaya pavana jharmar barse mehu



सिवरूं ला देवी शारदा रे,

गणपत लागू पांय, गजानन्‍द देवा ।।1।।


मारे सतगुरु आया पांवणा रे,

झरमर बरसे मेहूं ,

हीरा झड़ लागा ।।टेर।।


घोळा गुड़े गुर ज्ञान का रे,

नुगरा न्‍हाटा जाय,

सूरमा सामां आया ।।2।।


आमां सामां महल माळिया,

बच में कशन वालो घाट,

मालक थारी लेहला ।।3।।


ऊंडा जल की माछली रे,

मुख मांय बालू रेत, 

हे माजल आडा ।।4।।


बेटो कालू कीर को रे,

जल में नाकी जाल,

हेेमाचल हाल्‍या ।।5।।


राणी रूपा की विणती रे,

ढलती माजळ रात,

जमा में हालो ।।6।।

 



सतसंग को नूतो जेलो जी महाराज गजानन्‍द देवा satsang ko nuto jelo ji maharaj gajanand deva


 

सतसंग को नूतो जेलो जी,
महाराज गजानन्‍द देवा।
महाराज गजानन्‍द देवा,
मैं करू आपकी सेवा।।टेर।।


पहला जुगांं में प्रहलाद आया,

 लारे रतनादे राणी।।1।।


दूजा जुगां में हरिचंद आया,

लारे तारादे राणी।।2।।


तीजा जुगां में जेठल आया,

लारे द्रोपद नारी।।3।।


चौथा जुगां में बलचंद आया,

लारे संजादे नारी।।4।।


दोय कर जोड़े राणी रूपादे बोले,

घर मालजी के नारी।।5।। 

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...