थारी छोटोड़ी ऊमर में कई रंग,
लागो डाला बाई वो।
मत लो समाधि।।टेर।।
हथाया बैठोड़ा थारा,
ससुराजी बरजे।
मारा धोला रे साफा लज्या राखो,
डाला बाई ये।।1।।
रसोई बैठोड़ा थारा,
सासूजी बरजे।
मारा घूंघटिया लज्या थे राखो,
डाला बाई ये।।2।।
परगट जाती पणिहार्या,
थाने बरजे।
मारा भरयोड़ा बेवड़ला की जल्या राखो,
डाला बाई ये।।3।।
हरि शरणे भाटी हरजी गावे,
जनम जनम गुण गाऊ।
डाला बाई ये।।4।।