हंस चढ़ोजी बड़द सम्भालो,
जीव जलम का जामा।
संकट मेट सायबा मलज्यो,
महर करोजी समामा ।।1।।
उरा पधारो रामदेव जी बाबा,
नौ खण्ड पृथ्वी में नामा।
सबल धणी मारे लिख दो परवाणा,
रूजक बढ़ाओ धणी रामा ।।टेर।।
रमझम घोड़ला के नेवर बाजे,
दम दम घूरे दमामा।
असुरा ऊपर पीर कोपिया,
चढ़ आया हर रामा ।।2।।
अन धन लछमी आनन्द पूरज्यो,
दीज्यो खजानां मूं दामा।
रिद्धि सिद्धि का बासा पूरज्यो,
सनमुख राखज्यो समामा ।।3।।
गीत ग्रंथ अरथ ओर अक्षर,
नेकी का धरू कामा।
भला पुरूष का मेला कराज्यो,
अलगा राखज्यो अलामा ।।4।।
र रो रटू तो र व रंग लागे,
मम्मो मेट दे रामा।
हरजी केहवे मारो हेत धण्या में,
चरणां में सात सलामा ।।5।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें