अब तुम दया करो श्री रामदे,
अवतार धारण वाले।।टेर।।
बचनां का बान्द्या आया,
घर घर में मंगल गाया।
तुम लज्या रखाणे आयाजी,
इक वंश बढ़ाने वाले।।1।।
पीर पालणे आया,
कंकू का चरणा मंडाया।
ऊफणता दूध ठहराया वो,
इक पीर कहाने वाले।।2।।
गेन्दू के डोट लगाया,
गरू बालीनाथ ने पाया।
राक्षस ने मार हटाया जी,
इक भोम बसाने वाले।।3।।
सागर में भुजा पसारी,
बाण्या की जहाज ने तारी।
मसरी की कर दी खारी जी,
इक डाण चुराने वाले।।4।।
गढ़ जो धाणे आया,
हरजी
ने पकड़ बधाया।
हाकम के कोड फुड़ाया जी,
इक दुनियां दिखाने वाले।।5।।
धारू के जमा जगाया,
रूपा के हेले आया।
मालजी के महला आया जी,
थाली में बाग लगाया।।6।।
बेणा सुगना बाई,
जांने गढ़ पुंगल परणाई।
रायका ने आय जिवाया जी,
इक फौज बणाने वाले।।7।।
कांकण बंधीया आया,
थाने अमरकोट परणाया।
गोकलदास गुण गाया जी,
चरणा में शीश नवाया।।8।।