बात करे बाणियो हुंकारो देवे कूण,
हुंकारो देवे कूण।।टेर।।
आंधो तो कीदी अरजी,
काण्यो छोड्या रूण।
सूजता तो सासे पडग्या,
मरग्या माथो धूण।।1।।
पांगले तो हिम्मत कीदी,
देवल दीदा चूण।
देवता का दरसण करता,
मरता जीवां जूण।।2।।
चोरां के तो खेती भायी,
लूले लीदी लूण है।
पोर बायी बाजरी,
लाटा लीदा कूण है।।3।।
सतगरू शरणे जावज्यो,
पूरा लीज्यो गूण।
गोरखनाथ जोगी बोलिया,
भरज्यो पूरा पूर है।।4।।