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साधू भाई सतगुरू दीन दयाला कटे पाप का झाला sadhu bhai satguru deendayala kate paap ka jala

 

साधू भाई सतगुरू दीन दयाला,

तन मन धन अर्पण गरू आगे,

कटे पाप का झाला।।टेर।।

 

इक्‍कीस हजार छ: सौ मणिया,

ओम सोम टकशाला

हरदम सांस उसांस अजपा,

मन पावन की माला।।1।।

 

इला पिंगला सुखमण में,

चांद सूरज उजियाला।

झिलमिल जोती माणक मोती,

देखे सो मतवाला।।2।।

 

रणण भणण गणण गाजे,

बारा मास बरसाला।

झीणी तार शिखर सूजे,

टूटे तीनू ताला।।3।।

 

गम है माला अगम उजाला,

या परखे गरू का बाला।

रणछाराम मस्‍त माला में,

जनम मरण दु:ख टाला।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...