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जो कोई जावे गरू की शरण में हो जावे भव जल पार jo koi jave guru sharan me ho jave bhav jal paar bhajan lyrics

 जो कोई जावे गरू की शरण में,

हो जावे भव जल पार।

गरूजी की महिमा अपरम्‍पार ॥टेर॥

 

रामजी गये थे गरू की शरण में,

विश्‍वामित्र के द्वार।

गरूकृपा से रामचंद्र जी,

रावण दीनो मार॥1॥

 

श्रीकृष्‍ण गये थे गरू की शरण में,

शांन्‍दीपान के द्वार।

गुरूकृपा से कृष्‍णचंद्रजी,

खेलत खेल अपार॥2॥

 

मीरा गई भी गई शरण में,

रोहिदास के द्वार।

जहर का प्‍याला राणे भेजिया,

पी गई भोग लगार॥3॥

 

रूपा गई थी गरू शरण में,

उगमसी के द्वार।

काड खड़ग भड़ माल कोपियो,

थाली में बाग तैयार॥4॥

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...