आज तो आनन्द मारे,
कृष्ण आये पावणां।।टेर।।
फूला हंदी सेज बिछाऊ,
फूलों का बिछावणा।
फूली फूली राधा डोले,
गावती बधावणा।।1।।
गेंद के खिलैया जरा,
टोरा तो लगावणा।
कालीदेह में कूद पड़े,
नाग नाथ लावणा।।2।।
मथरा में कंस मार्यो,
पिता को छुडावणा।
पहुंचे बलि मखशाला,
रूप धरे बावना।।3।।
बंशी के बजैया जरा,
फेर से बजावणा।
मीरां को तुम्हारी आश,
हिये से लगावणा।।4।।