समझ कर खेलणा हमारा गुल्ली डंडा।।टेर।।
राम नाम की गुल्ली बणाई,
सत नाम का डंडा।
ओ मदवो खेलण लागो,
दिया जीत का डंका।।1।।
कबद नार ने कबद बिचारी,
सुणोे पिया बोरंगा।
कबद नार पाखरिया ने मोयो,
कर दिया चंगा भंगा।।2।।
समझ नार ने समझ बिचारी,
सुणो पिया एक रंगा।
समझ नार समझबा लागी,
कर दिया एक रंगा।।3।।
माने मल्या मछान्दर जोगी,
दिया जीत का डंका।
केवे गोरख सुणो कबीरा,
रोप्या गंगज में झण्डा।।4।।