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काली कामलिया मोहन की मारा तन पर ओढूली kali kamliya mohan ki mara tan pe oduli

 

काली कामलिया मोहन की,

मारा तन पर ओढूली।।टेर।।

 

एक समय मैं सूती महल में,

आ गई निंदड़ली।

आंगली पकड़ मारो कूंचो मरोड्यो,

खुल गई निंदड़ली।।1।।

 

एक समय मैं गई बागा में,

संग में साथड़ली।

साथडिया मारी बिछड़ गई रे,

रह गई एकलड़ी।।2।।

 

एक समय मैं गई जल भरबा,

माथे गागरली।

सामे मिलग्‍या कृष्‍ण मुरारी,

आ गई लाजड़ली।।3।।

 

एक समय मैं महीड़ो बलोयो,

काडी छाछड़ली।

माखण माखण कानो खाग्‍यो,

रह गई छाछड़ली।।4।।

 

वृन्‍दावन की कुंज गली में,

बाजी बांसुरली।

बाई मीरां के घरे पधारो,

रांधू खीचड़ली।।5।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...