सुगरो व्हे नर आफत लीदी,
रे नुगरा व्हेबा लागो।
नुगरो व्हिया तो प्रथम नहीं पूगे,
रे सुगर नुगर दोई त्यागो।।1।।
साधू भाई गरूजी बतायो घर आगो,
रहणी रेह रेह लाखो ही मरग्या।
करणी कर कर करोड़ो ही खपग्या,
रे ठोड़ पतो नहीं लागो,साधू
भाई...।।टेर।।
भूखो क्यू रहवे नर,काया क्यू कष्टे रे,
धाप जीमबा लागो।
धाप जीम्या तो प्रथम नहीं पूगे रे,
भूख धाप दोई त्यागो।।2।।
चालतो न पूगो नर, दोड़तो न पूगो रे,
ठाम बैठबा लागो।
ठाम बैठ्या तो प्रथम नहीं पूगे रे,
दोड़ चाल दोई त्यागो।।3।।
जीवत मुक्ति चावे मन मयला रे,
धर्म ध्यान संग लागो।
कहे कमाली कबीर सा की लड़की,
चेतन के संग लागो।।4।।